राकेश केशरी
कौशाम्बी। राम वन गमन से चलकर चित्रकूट जा रहे वनवासी राम का कुरई में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने स्वागत किया। अयोध्या से कमलदास बाबा के साथ वनवासी राम राम वन गमन से चलते हुए चित्रकूट जा रहे हैं। जिससे वह प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर जहां पर श्री राम को केवट ने अपने नाव पर बैठा कर कुरई घाट उतारा था। वहां से उसी प्रकार वनवासी राम की टोली भी कुरई घाट पहुंची जहां पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय कुमार निषाद ने उनका स्वागत किया। और वनवासी राम का पैर धूलाकर उन के साक्षात दर्शन किए मान्यता है कि अब से करीब 2000 वर्ष पूर्व जब राम सीता और लक्ष्मण वनवास में जा रहे थे। तभी इसी कुरई में सीता जी द्वारा एक मुट्ठी बालू को कुरय दिया गया था। जिससे स्थान का नाम कुरई पड़ गया। इसी स्थान पर श्रीराम ने भगवान भोलेनाथ की पूजा किया था। जहां पर एक छोटी सी मंदिर भी बनी हुई है। इस घाट का विकास नहीं होने पर अयोध्या से आए कमलदास बाबा ने कहा कि इसके विकास के लिए सरकार को बताया जाएगा। कुछ देर रुकने के बाद कमलदास बाबा श्री राम सीता और लक्ष्मण के साथ चित्रकूट के लिए निकल गए। इस दौरान उनकी टोली में आनंद दास बाबा, रिंकू दास, रहे वही कुरई गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय कुमार निषाद ग्राम पंचायत के विनोद कुमार, ध्रुव कुमार, कैलाश निषाद, संतोष विश्वकर्मा, समर सिंह, गोले दिवाकर, घनश्याम मौर्य, राम भवन मौर्य, वीरम मौर्य, धर्मराज सरोज, गोलू मौर्या, दिनेश मौर्या, अश्वनी कुमार, राजेश मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।