मरम्मत पर लाखों खर्च होने के बाद भी नहीं दुरुस्त हुई व्यवस्था
सिराथू : विकासखंड के 79 ग्राम पंचायतों में लगे 390 हैंडपंप साल भर से खराब पडे हैं। इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। रिबोर व मरम्मत के नाम पर ग्राम निधि से लाखों की धनराशि खर्च होने के बाद भी समस्या बरकरार है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पेयजल व अन्य बुनियादी जरुरतों को पूरा करने को शासन की ओर से लाखों रुपए का बजट अवमुक्त किया जाता है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते लोगों को समस्या के बीच जीवन यापन करना पड़ रहा है। सिराथू ब्लाक में करीब दो लाख की आबादी के बीच पेयजल के लिए जल निगम विभाग की ओर से चार हजार चार हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। इनमें 390 हैंडपंपों की बोरिंग ध्वस्त होने के चलते यह साल भर से खराब पड़े हुए हैं। यहां के लोगों को पेयजल की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। पानी की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए ग्राम पंचायतों में कार्य योजना बनाकर मरम्मत व रिपेयरिंग के नाम पर लाखों रुपए की धनराशि खर्च की गई है लेकिन इसके बावजूद भी समस्या बनी हुई है। लोगों को कहना है कि मई जून के महीने में जलस्तर घटने पर कम बोरिंग वाले हैंडपंप पानी देना बंद कर देंगे। इसकी वजह से समस्या और बढ़ जाएगी।
क्या कहते हैं एडीओ पंचायत
गांव में खराब पड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए सचिव को निर्देश दिया गया है। इसके लिए स्थापित हैंडपंपों का सत्यापन कर सूची मांगी गई है।
- दशरथ लाल यादव, सहायक विकास अधिकारी पंचायत सिराथू