राकेश केशरी
हम तों,डूबे ही सनम, तुमकों भी ले डूबेगे की तर्ज पर कार्य कर रहे नाराज भाजपाई
कौशाम्बी। घर का भेदी लंका ढाहें,इस पुरानी कहावत को लोग ऐसे ही नही कहते फिरते,कुछ इसी तरह के हालातों से गुजर रहे है,भाजपा के टिकट पर जिले की मंझनपुर व भरवारी नगर पालिका एंव नगर पंचायत अझुवा,दारानगर कडाधाम, सिराथू, करारी,पूरब पश्चिम शरीरा,सरायअकिल,चायल, चरवा मे चुनाव लडने वाले प्रत्यासियो को। नगर पालिका व नगर पंचायतों में पार्टी से टिकट कटने को लेकर भाजपा के दर्जनों नाराज कद्दावर नेताओं की नाराजगी दूर करने के भाजपा के उम्मीदवार प्रत्यासियों ने तमाम प्रयास किए लेकिन अपने प्रयास में वह कामयाब नही हो पाए। चुनाव प्रचार का दौर चल रहा है,इस दौर में नाराज इन दिग्गजों की तिकड़म भाजपा प्रत्यासियो की लुटिया डुबा सकती है। वही दूसरी ओर नाराज कद्दावरों को चुनाव बाद यह कहने का मौका भी मिल सकता है कि उन्हें टिकट नही मिला,नही तो उनका इस सीट पर कब्जा होता। बतां दें कि भाजपा से टिकट पाने की चाह में सभी नगर पालिका व नगर पंचायतो से लगभग एक -एक दर्जन कार्यकतार्ओं ने दावेदारी की थी। लेकिन इन दावेदारो को पार्टी ने नकार दिया था। जिससे खुन्नस खाए दावेदारों ने अपनी एक जुटता दिखातें हुए लामबन्द होकर,जमकर विरोध। जिसके परिणाम स्वारुप इन रुठों को मनाने के लिए वर्तमान में चुनाव लड़ रहे प्रत्यासियो द्वारा शीर्ष स्तर से तमाम प्रयास किए गए,लेकिन कद्दावरों की दिली नाराजगी नही दूर कर सके। अब जब चुनाव प्रचार को चन्द दिन बाकी है तो दिखावे के लिए कुछ कद्दावर तो भाजपा प्रत्यासियो का प्रचार कर रहे है,लेकिन अन्दर खाने से नाराज भाजपाइयों के द्वारा अन्य दलों के प्रत्यासियों का सपोर्ट किया जा रहा है। वही नाराज कद्दावरो के समर्थक भी इस प्रयास में है कि हम तो डूबे ही सनम,तुमको भी ले डूबेगे। इस हालात में जिले की नगर पालिका व नगर पंचायतों मे भाजपा की नैय्या किस तरह से किनारे लगेगी,यह तो वक्त ही बतायेगा।