राकेश केशरी
कौशाम्बी। वर्ष 2021 में 38 मरीज, वर्ष 2022 में 20 मरीज और वर्ष 2023 में अब तक 3 मरीज। यह है जनपद में मलेरिया मरीजों का आंकड़ा। ध्यान से देखें तो साल दर साल मलेरिया मरीजों का आंकड़ा कम हो रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि मलेरिया के हिसाब से जनपद के क्षेत्रों में मलेरिया बीमारी के बारे में प्रचार किया जा रहा हैं। साथ ही सफाई, छिड़काव, फोगिंग अदि भी कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस है। इस वर्ष की थीम टाइम टू डिलीवर जीरो मलेरिया इन्वेस्ट, इनोवेट, इम्प्लीमेंट है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि लोग मलेरिया के प्रति जागरूक हों। इसी क्रम में इस दिवस पर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर गोष्ठी और शिविर आदि के आयोजन होंगे। उन्होंने कहा कि मलेरिया एक घातक बीमारी है। यदि कुछ इस तरह के लक्षण हों तो जांच तुरंत कराएं। चार से आठ घंटे के चक्र में बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, पसीना आना और मिचली व उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें। उनकी मदद से प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखा कर उनकी सलाह पर मलेरिया की जांच कराई जानी चाहिए। समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है । मलेरिया की दवा बीच में नहीं छोड़नी है। लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज करवाना है। जिला स्तरीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएची), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) पर मलेरिया की जांच उपलब्ध है। जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि मलेरिया निरीक्षकों की टीम जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के जरिये अभियान में जुटे हुए हैं, लेकिन लोगों की सतर्कता अधिक आवश्यक है। मलेरिया दिवस से पूर्व जिला स्तरीय मलेरिया टीम एवं डब्लूएचओ के डॉ शाश्वत ने सीएचओ के साथ बैठक कर जनपद को मलेरिया मुक्त करने के लिए नीति पर चर्चा की,साथ ही मलेरिया स्लाइड बनाने के बारे में भी जानकारी दी गई।
मलेरिया से बचाव
पूरे बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में किटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं, मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं।