इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र
फ्रण्ट लाइन वर्करों की 1162 टीमें हुई गठित, 1.91 लाख घर तक पहुंचने का लक्ष्य
संभावित लक्षण वाले मरीजों एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चों को सूचीबद्ध कर रही आशा कार्यकर्ता
ललितपुर। एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाए जा रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत 17 अप्रैल से दस्तक अभियान का आगाज हो गया है,जो 30 अप्रैल तक चलेगा। फ्रण्ट लाइन वर्करो को 1.91लाख से अधिक घरों को कवर करने का लक्ष्य दिया गया है। जिले में कुल 1162 टीमें गठित की गई हैं, जो घर घर जाएगी। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर -घर जाकर सर्दी,जुकाम, बुखार, टीबी के संभावित लक्षण वाले व कुपोषित बच्चों, मच्छर प्रजनन वाले घरों एवंस्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की सूची तैयार कर शिक्षा विभाग को सौंपनीहै। इसके अतिरिक्त गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारी (हीट रिलेटेड इलनेस) से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जे एस बक्शी ने बताया कि एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय अपनाते हुए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में दस्तक अभियान 17 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। सोमवार को इसकी शुरुआत हो गई है। इस दौरान आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रत्येक घर पर क्षय रोग के संभावित रोगियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त करेंगी तथा क्षय रोग के लक्षणों वाले किसी व्यक्ति की सूचना प्राप्त होने पर उस व्यक्ति का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण एक लाइन लिस्टिंग फॉर्मेट में अंकित कर क्षेत्रीय एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय पर उपलब्ध करायेंगी। डिस्ट्रिक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ.सौरभ सक्सेना ने बताया कि स्वच्छता के अभाव में मच्छर पनपते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं। इन मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया,दिमागी बुखार, फाइलेरिया जैसी बीमारी होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करने, पानी की बाल्टियों व टंकियों को ढककर रखने, कूलर की नियमित सफाई करने, छत, बरामदों में पड़े पुराने टायरों, खाली डिब्बो में पानी इक_ा नहीं होने देने की सलाह दी जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मुकेश जौहरी ने बताया कि घर के आस-पास जल भराव न होने दें। बुखार आने पर जांच कराकर अस्पताल से समुचित उपचार लें। स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच एवं उपचार उपलब्ध है। सुबह-शाम खिड़की दरवाजे से मच्छर अंदर प्रवेश कर जाते हैं इस दौरान या तो दरवाजा, खिड़की बंद रखे या फिर उनमें जाली लगवाएं। शर्ट फुल आस्तीन की पहने जिससे कि मच्छर न काट पाए। अभियान को सफल बनाने में वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक हरिश्चंद्र नामदेव, मलेरिया निरीक्षक संदीप शर्मा जुटे हैं।