राजीव कुमार जैन रानू
सभी सरकारी अस्पतालों और एचडब्ल्यूसी पर मलेरिया की जांच उपलब्ध
ललितपुर। चार से आठ घंटे के चक्र में बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, पसीना आना और मिचली व उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क करें। उनकी मदद से प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखा कर उनकी सलाह पर मलेरिया की जांच कराई जानी चाहिए। लक्षण दिखने पर तुरंत जांच और इलाज मलेरिया से बचाव का बेहतर उपाय है। समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। मलेरिया की दवा बीच में नहीं छोडऩी है। लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज करवाना है। जिला स्तरीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) पर मलेरिया की जांच उपलब्ध है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी का। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है। यह बीमारी मादा मच्छर एनाफीलिज के काटने के कारण होती है। अगर मलेरिया का संक्रामक मच्छर काट लेता है तो स्वस्थ मनुष्य में 10 से 14 दिन बाद यह रोग विकसित होता है। जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश जौहरी ने बताया कि मलेरिया का मच्छर सामान्य रूप से शाम और सुबह के बीच काटता है। अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का परामर्श है कि गर्भवती को मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए क्योंकि उनमें मलेरिया होने से जटिलताएं बढ़ जाती हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में नारो के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इनमें प्रमुख रूप से जब होगी जन जन की भागीदारी, तब मिटेगी मलेरिया की बीमारी, पानी रुकेगा जहां, पनपेगा मच्छर वहां, हर रविवार मच्छर पर वार। इसके अलावा एएनएम, आशाएं भी मलेरिया के प्रति जागरूक कर रही हैं। मलेरिया की जांच सीएचसी, पीएचसी पर उपलब्ध है। झोलाछाप डॉक्टर से कतई इलाज न कराए। वरिष्ठ मलेरिया अधिकारी हरिश्चंद्र नामदेव ने बताया कि मलेरिया निरीक्षक के नेतृत्व में जिला मलेरिया कार्यालय की टीम एवं पीएचसी व सीएचसी के स्वास्थ्य पर्यवेक्षक व स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने का काम कर रहे हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में 11 संबंधित अंतर विभाग भी योगदान दे रहे हैं। इस दौरान लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। मलेरिया से बचाव के लिए बरतें सावधानी मलेरिया बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरी बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें। घरों में कीटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं, मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। घर के अंदर व घर के बाहर पानी एकत्रित न होने दें, जिससे कि मच्छर का लार्वा पनपे। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं।
यह है जिले का आंकड़े
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 में 01, वर्ष 2021 में 07 और वर्ष 2020 में 15 मलेरिया मरीज चिन्हित किए गए थे। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के चलाए जाने से जिले में मलेरिया व डेंगू नियंत्रित हुआ है।