रवींद्र सिंह मंजू सर मैहर की कलम से
बुराई का तात्पर्य,,,,,बुराई वो ही करतें हैं, जो बराबरी नहीं कर सकतें क़्योंकि मन सभी के पास होता हैं, मगर मनोबल कुछ लोगों के पास ही होता हैं।जीवन में हमें परिस्थितियों और लोगों के व्यवहार से परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि दोनों ही हमारी प्रतिक्रिया के बिना शक्तिहीन होते हैं।अंधेरे को हटाने में वक्त बर्बाद मत करिए बल्कि दीये को जलाने में वक्त लगाइए, दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं ख़ुद को ऊंचा उठाने में वक्त लगाइए।इसी प्रकार किसी की भावनाओं को समय रहते महसूस कीजिए, क्योंकि इनकी भी "एक्सपायरी डेट" होतीं हैं..!!आप सभी को सादर नमन। मैहर वाली शारदे माता रानी सदा कल्याण आशीर्वाद बनाए रखे।