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अदालती मर्डर केस में एक को उम्रकैद

Tuesday, August 30, 2022

/ by Today Warta

2 जुलाई 2010 को कुएं से पुलिस ने बरामद किया अदालती का शव

कौशाम्बी। पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के अदालती मर्डर केस में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय देवेश चंद्र गुप्ता ने एक आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपित पर पच्चीस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं दूसरे आरोपित को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। अभियोजन के अनुसार पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के मलाक मोहिउद्दीनपुर निवासी वादी पंछीलाल पासी का लड़का अदालती 30 जून 2010 को तीन बजे दिन घर से अपने एक साथी के साथ काजीपुर बाजार गया था। देर रात तक वापस नहीं आने पर घर के लोग उसकी तलाश करते रहे, पर उसका कोई पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने अदालती का शव 2 जुलाई 2010 को मंदर देह माफी गांव के पास बंद पड़े भट्ठे के के पास स्थित कुएं से बोले में भरा बरामद किया। मामले में वादी पंछीलाल की तहरीर पर पुलिस ने मलाक मोहिउद्दीनपुर निवासी जगलाल रैदास व उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ अदालती के अपहरण व हत्या का पंजीकृत करके विवेचना शुरू किया। दौरान विवेचना मलाक मोहिउद्दीनपुर निवासी जगलाल रैदास व राम आसरे रैदास व अहरौली निवासी नीतू कान्त उर्फ मंगू के खिलाफ अदालती को अपहरण करके उसकी हत्या करने का आरोप पत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार की ओर से मुकदमें की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रेम प्रकाश चैधरी ने की, और घटना को साबित करने के लिए वादी मुकदमा समेत कुल सात गवाह कोर्ट में पेश करके गवाही कराई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिणांक द्विवेदी ने सरकार की ओर से पेश किए गए गवाहों से जिरह की। बहस करते हुए एडीजीसी ने सभी आरोपितो पर आरोप साबित बताते हुए कड़ी से कड़ी सजा सुनाने की अनुरोध किया, वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिणांक द्विवेदी ने घटना को काल्पनिक व नासाबित बताते हुए सभी आरोपितो को दोषमुक्त किए जाने का अनुरोध किया। दोनों ओर से की गई बहस को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय देवेश चंद्र गुप्ता ने आरोपित जगलाल रैदास को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जगलाल पर पच्चीस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं दूसरे आरोपित राम आसरे रैदास को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। तीसरे आरोपित नीतू कान्त उर्फ मंगू की दौरान मुकदमा मृत्यु हो जाने के चलते उसके अपराध का उपशमन कर दिया है।

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