खाते से निकला भुगतान, नहीं मिली पत्रावली, नियमों को ताक पर रख कराया काम, 272208 रुपये की होगी वसूली
राकेश केशरी कौशाम्बी। नेवादा के भगवानपुर बहुगरा गांव में मनरेगा कार्यों में नियमों की अनदेखी हुई। इतना ही नहीं रोजगार सेवक ने अपने निजी फायदे के लिए मां व पत्नी के नाम योजनाओं का लाभ लिया। उनके नाम पर मजदूरी तक निकाली गई। जांच के लिए जब अधिकारी पहुंचे तो रोजगार सेवक के साथ प्रधान के ससुर के नाम खेत पर हुए काम के दस्तावेज नहीं मिले। अधिकारियों ने मामले में प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं, गलत तरीके से खर्च की गई 272208 रुपये की धनराशि की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम प्रधान भगवानपुर बहुगरा के ससुर बचान प्रसाद पूर्व सब इंस्पेक्टर हैं। उनके खेत का समतलीकरण किया गया। इसके लिए 168504 रुपये का भुगतान निकाला गया। इस कार्य से जुड़े कोई अभिलेख रोजगार सेवक हृदय नारायण के पास नहीं मिले। न तो काम के पहले और बाद की फोटो और न ही एमबी बुक मिली। मनरेगा से किसी को लाभ देने के लिए जरूरी है कि लाभार्थी के नाम पर जाबकार्ड बना हो और उसने खुद काम किया हो। बहरहाल, बचान की किडनी खराब है और उनका उपचार चल रहा है। ऐसे में उनके नाम का न जाबकार्ड बना है और न उन्होंने काम किया है। इसी प्रकार बढ़ियान तालाब और बढ़ियान तालाब से चंदपुर सरहद तक नाला खोदाई हुई। इसके लिए 14 दिन तक काम करने के लिए रोजगार सेवक ने अपनी वृद्ध मां राम सवारी के नाम 2814 रुपये का भुगतान निकाला।
उन्होंने मां के ही नाम कैटिल शेड योजना का लाभ लिया। इसके लिए 105890 रुपये निकाले। साथ ही मां व पत्नी के नाम पर मजदूरी भी निकाली। आवेदन के दौरान उसने बताया कि मां ने पांच छह मवेशी पाले हैं। जबकि उनकी उम्र 80 साल से अधिक है। इस कार्य से जुड़ी कोई भी पत्रावली उसके पास नहीं थी। गांव के ही केदारनाथ की शिकायत पर डीसी मनरेगा विजय श्रीवास्तव व लोकपाल ओपी सिंह 21 जुलाई को मामले की जांच की। जांच में लगभग 272208 रुपये की गड़बड़ी मिली। इसके लिए जांच अधिकारियों ने प्रधान गनेशी देवी, ग्राम विकास अधिकारी विनय सिंह, तकनीकी सहायक विनीत सिंह व रोजगार सेवक हृदय नारायण को दोषी माना। उन्होंने सभी की जिम्मेदारी तय करते हुए धन की रिकवरी की बात कही। वहीं, जांच रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को एपीओ नेवादा प्रवीण कुमार ने सभी के खिलाफ सरायअकिल थाने में मुकदमा दर्ज कराया।