लखनऊ। नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद नोएडा प्राधिकरण के कई तत्कालीन अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ सकती है। शासन को मामले में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ जारी विजिलेंस जांच की रिपोर्ट का इंतजार है। जांच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुपरटेक मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एसआइटी की जांच में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन 26 अधिकारी दोषी पाए गए थे। बाद में शासन ने जांच में दोषी प्राधिकरण अधिकारियों के साथ ही सुपरटेक के चार निदेशक और दो आर्किटेक्ट के विरुद्ध विजिलेंस जांच का आदेश दिया था। विजिलेंस मामले में आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर जांच कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ने बीते दिनों आरोपित अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए थे। उनकी संपत्तियों का भी ब्योरा जुटाया है। भ्रष्टाचार की काली कमाई से जुटाई गई संपत्तियों के बारे में भी गहन छानबीन की गई है। डिप्टी एसपी स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में यह जांच चल रही है। माना जा रहा है कि विजिलेंस जल्द अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के साथ ही दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन की अनुमति मांगेगा। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मामले की विजिलेंस जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट का इंतजार है। उल्लेखनीय है कि एसआइटी की जांच रिपोर्ट में 26 अधिकारी दोषी पाए गए थे, उनमें 20 अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जबकि दो अधिकारियों की मृत्यु हो चुकी है। प्रकरण में वर्ष 2004 से 2017 तक प्राधिकरण में तैनात रहे अधिकारियों की भूमिका की जांच की गई थी।