नगर पंचायत में कहीं बदहाल शौचालय तो कहीं लटक रहा ताला
सरायअकिल,कौशाम्बी। नगर पंचायत सरायअकिल में लाखों रुपया खर्च करके सार्वजनिक शौचालय बनने के बावजूद कस्बे के लोग खुले में शौच करने जाने पर मजबूर हैं। देखरेख के अभाव में निर्मित सार्वजनिक शौचालय कहीं बदहाल पड़े हैं, तो कहीं पर ताला लटक रहा है। नगर पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा बदहाल शौचालय ठीक नहीं कराने से कस्बाइयों में आक्रोश है। नगर पंचायत सरायअकिल जिले का मुख्य बाजार हैं। यहां की कुल आबादी लगभग 30 हजार के आसपास है। आस पास क्षेत्रीय ग्रामीणों के अलावा यमुनापार से भी लोग यहां खरीददारी करने आते हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कस्बाइयों के अलावा लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए यहां पर नगर पंचायत द्वारा पावर हाउस,फकीराबाद चैराहा,बस स्टैंड, मौलवीगंज,मेला मैदान,बरुची बाजार, दुर्गा मंदिर वाली गली समेत कुल आठ स्थानों पर लगभग आठ आठ लाख रुपयों की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनवाये गये हैं। लेकिन बनाये गये शौचालय केवल शोपीस बनकर खड़े हैं। नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों की अनदेखी के चलते ज्यादातर शौचालय बदहाल पड़े हुए हैं और कहीं पर ताला लटक रहा है,साफ सफाई के अभाव में ज्यादातर शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं। दुर्गंध के कारण वहां जाना भी मुश्किल है। पावर हाउस,मेला मैदान व मौलवीगंज मुहल्ले में बने सार्वजनिक शौचालयों में ताला लटक रहा है। बाकी जगहों के शौचालयों की टोटी,पाइप,सीट,वाश बेसिन आदि टूट चुकी है। एक पखवारे में कस्बे का दशहरा मेला भी आयोजित होना है, ऐसे में लोगों को खुले में शौच को जाना पड़ेगा। नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों की अनदेखी के चलते लोगों को खुले में शौच को जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे लोगों में नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
बोले अधिशाषी अधिकारी
अधिशाषी अधिकारी लाल जी यादव का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय बदहाल होने की जानकारी नहीं है, जहां गंदगी है वहां साफ सफाई करवाया जायेगा। बदहाल शौचालय के विषय में अध्यक्ष से बातचीत कर निर्णय लिया जायेगा।
बोले नागरिक
कस्बा निवासी रामऔरत सिंह का कहना है कि पावर हाउस चैराहा में जब से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हुआ है आज तक ताला नही खुला है मुहल्ले के लोग खुले में शौच करने को मजबूर है। कस्बे के ही मोहम्मद वैश ने कहा कि नगर पंचायत में एक वर्ष के अंदर 8 शौचालय का निर्माण हुआ है। जबकि इसके पहले के भी शौचालय बने है,जिम्मेदारों की लापरवाही से कहीं ताला बंद है तो कहीं गंदगी से पटा पड़ा है। कस्बे के मुन्ना सोनी ने कहा कि सराय अकिल में रामलीला व दशहरा के मेले में दूर दराज से हजारों की संख्या में बाहरी लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में शौचालय बदहाल और गंदगी का अंबार है। कस्बे के भोलानाथ मिश्रा अधिवक्ता ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय के नाम पर धन का दुरुपयोग किया गया है एक वर्ष के अंदर बने शौचालय की लागत आठ आठ लाख रुपया है देख रेख के अभाव में एक वर्ष के अंदर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और कुछ के तो ताला ही नही खुले है।