अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर में मुनिश्री द्वारा धर्मसभा को सम्बोधन
ललितपुर। श्रीअभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने कहा संयम से नियंत्रित जीवन में ही आनंद और परमानंद है। जिस प्रकार समुद्र से तपकर पानी भाप बनता और फिर वर्षा में नदी तक जाता है और नदियों के माध्यम से सब समुद्र में समा जाती है। जल समुद्र में जाते ही निर्मल हो जाता है ऐसे जल को नियंत्रित उपयोग में लाने के लिए बांध बांधा जाता है। ऐसे ही जिन्दगी में भी बांध रूपी संयम से जिन्दगी की उर्जा को संयमित करके संयम से शक्ति को रोक सकते हैं। मुनिश्री ने कहा हम दूसरे को देखकर दुखी है हम दुखी इसलिए है कि हम अपनी थाली नहीं देखकर दूसरे की थाली देख रहे हैं यदि अपनी आंखों को नियंत्रित कर लो तो सुख का आनंद आएगा। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द से शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवारों ने कर गुरूदेव का आर्शीवाद ग्रहण किया। धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया। साायंकाल जिज्ञासा समाधान के लिए श्रावक मुनि श्री सुधासागर महाराज के सम्मुख अपनी जिज्ञासाए करते हैं और उनका निदान पाते हैं। गुरू भक्ति एवं संगीतमय आरती पुण्र्याजक परिवार के साथ श्रद्धालु कर लाभान्वित हो रहे हैं। मुनिश्री एवं संघस्थ मुनि पूज्यसागर महाराज, एलक धैर्यसागर महाराज क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के दर्शनार्थ अभिनंदनोदय तीर्थ पर दूरांचलों से श्रद्धालुजन पहुंच है।