अपर सत्र न्यायाधीश चित्रा शर्मा ने सुनाया फैसला
कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के एक गांव में दो वर्ष पूर्व हुई किशोरी के अपहरण व रेप की घटना में आरोपित को दोषी पाते हुए कोर्ट ने दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित के खिलाफ पच्चीस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसकी वसूली होने पर संपूर्ण धनराशि पीड़िता को दिलाने का निर्देश दिया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार करारी थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 अगस्त 2019 की शाम 5 बजे वादिनी मुकदमा की 14 वर्षीय लड़की शौच के लिए गांव के बाहर खेत की ओर गई थी। वहीं पर पहले से घात लगाकर बैठे गांव के ही सुरेन्द्र पुत्र बब्बू ने उसे जान से मार देने की धमकी दे कर अपनी गाड़ी में बैठा कर गांव से बाहर एक कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। दूसरे दिन सुबह करीब चार बजे वह वादिनी की बेटी को सिराथू रेलवे स्टेशन ले आया। यहां पर आरोपित के भाई सुनील ने पीड़िता को अपने साथ गांव लाकर के उसके घर पहुंचा दिया। मामले में पीड़िता की मां की तहरीर पर सुरेन्द्र के खिलाफ अपहरण, रेप व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। राज्य सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार चैधरी ने वादिनी मुकदमा व पीड़िता समेत घटना के गवाह कोर्ट में पेश करके गवाही कराई। बहस करते हुए उन्होंने कहा कि आरोपित के खिलाफ वादिनी की नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म का मामला संदेह से परे साबित पाया गया है। उन्होंने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा से दंडित करने का अनुरोध किया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने आरोपित को निर्दोष बताते हुए सजा में नरमी बरतने की अपील की। दोनों ओर से की गई बहस को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं 9 चित्रा शर्मा ने आरोपित सुरेन्द्र को दस वर्ष के कठिन कारावास की सजा सुनाई है।

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