सरकारी वेतन लेने तक सीमित रह गए वन विभाग कर्मचारी
कौशाम्बी। वन विभाग के कर्मचारी और थाना पुलिस की मिलीभगत से क्षेत्र की हरियाली बड़ी तेजी के साथ सफाचट हो रही है। वन विभाग कर्मचारी शासन से सरकारी वेतन लेने के बावजूद भी लकड़ी माफियाओं की गुलामी करने में लगे रहते हैं। वन विभाग के कर्मचारी और थाना पुलिस की मिलीभगत से प्रतिदिन क्षेत्र बदलकर रात के अंधेरे में हरे पेड़ों की कटान होती है। इलेक्ट्रानिक मशीन से हरे पेड़ों को काटकर रातों-रात लकड़ी माफिया लेबर के माध्यम से लकड़ी आरामशीन पर उठा ले जाते हैं। वन विभाग के कर्मचारी और थाना पुलिस इस मामले को जानकर भी अनजान बनने का नाटक करते हैं। लकड़ी माफियाओं के द्वारा एक ही रात में कई हरे पेड़ काटकर धाराशाही कर दिए जाते हैं लेकिन वन विभाग कर्मचारी लकड़ी माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। इसी तरह का एक मामला चरवा थाना क्षेत्र के राम दयाल का पूरा गांव स्थित कृषि केंद्र के बगल का है जहां पर दो दिन पहले रात के अंधेरे में वन विभाग और थाना पुलिस की मिलीभगत से लकड़ी माफिया एक दर्जन से अधिक सागवान का पेड़ काटकर धाराशाही कर दिए हैं। दो दिन बीत जाने के बाद भी लकड़ी माफियाओं के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत नहीं हो सका है। शासन स्तर से वेतन लेने के बावजूद भी लकड़ी माफियाओं को रोकने में वन विभाग कर्मचारी असफल हैं। उच्चाधिकारी इस मामले को संज्ञान लेकर लकड़ी माफियाओं के साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारी के खिलाफ भी मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही करें जिससे क्षेत्र में हरे पेड़ों के कटान में कमी आ सके।