मुनिश्री के सानिध्य में शुरू हुआ दो दिनी पाठशाला परिवार का महाधिवेशन
ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने पाठशालाओं को संस्कारों की जननी बताते हुए कहा इसके माध्यम से बच्चों में धार्मिक और नैतिकता के जो संस्कार दिए जाते हैं वह अमूल्य निधि हैं। संस्कारों से ही हमारी संस्कृति सुरक्षित है जिसके संरक्षण की महति जरूरत है। मुनि श्री ने श्रमण संस्कृति संस्थान द्वारा पाठशाला उन्नयन के लिए किए जा रहे प्रयासों को आशीर्वाद देते हुए कहा बहुत अच्छा लगता है जव बच्चे पाठशालाओं में पहुचकर धर्म का बोध जानते हैं। उन्होनें कहा पाठशालाओ को लौकिक शिक्षा की भांति जिसदिन उनके अभिवाक अनिवार्य कर देंगे वह दिन नहीं समाज से कुरीतियां स्वत: समाप्त हो जाएगी,धर्म और संस्कृति अवतरित होगी। सुबह श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर अन्तर्गत पाठशाला का महाधिवेशन मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में शुरू हुआ जिसका शुभारम्भ संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर महेन्द्र कुमार, आशा पाण्डया ने किया। मुनिश्री के आर्शीवाद से अधिवेशन के मुख्य कलश की स्थापना की जिनका दिगम्बर जैन पंचायत द्वारा सम्मान किया गया। पाठशाला कुलपति डा.शीतल चंद जैन ने मुनि श्री की प्रेरणा से देश में चलाए जा रहे श्रमण संस्कृति संरक्षण को विस्तार से बताया। अधिवेशन की रूपरेखा देते हुए प्रदीप जैन शास्त्री ने कहा श्रमण संस्कृति संस्थान अन्तर्गत 15 प्रान्तों के 116 जिलों में 600 से अधिक पाठशाला के मेधावी छा़त्रों का अधिवेशन महाराज श्री के सानिध्य में हो रहा है जिसमें विभिन्न सत्रों के माध्यम से छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। अधिष्ठाता डा.जयकुमार जैन ने अधिवेशन की संयोजना के लिए दिगम्बर जैन पंचायत को साधुवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन परीक्षा वोर्ड प्रभारी पं. प्रदीप कुमार जैन शास्त्री द्वारा किया गया। मध्यान्ह में मुनि श्री पूज्य सागर महाराज, एलक श्री धैर्यसागर महाराज एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज ने अधिवेशन में संस्कारों की सीख देते हुए कहा जीवन में धर्म है तो सब कुछ इसके वगैर कुछ नहीं। उन्होने पाठशालाओं को विकसित करने के लिए संचालकों को विभिन्न टिप्स दिए। विभिन्न संगोष्ठियों के संचालन में व्र.वीरेन्द्र भैया, पं.आलोक शास्त्री, दीपक शास्त्री का योगदान रहा। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार द्वारा हुई।
श्रमण संस्कृति महाधिवेशन की नगर में आज निकलेगी शोभायात्रा
25 सितम्बर को सुबह 6.30 बजे मुनिश्री सुधसागर महाराज के ससंघ सानिध्य में दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति पाठशाला महाधिवेशन की भव्य शोभायात्रा जैन अटामंदिर से प्रारम्भ होकर घंटाघर चौक से अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर पहुंचेगी जहां मुनिश्री धर्मसभा को सम्बोधित करेगे। उक्त जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी अक्षय अलया ने बताया कि महाधिवेशन का मध्यान्ह में समापन होगा।