हर साल सड़क के किनारे पौधारोपण में खर्च होते हैं लाखों रुपये
पौधे लगाने के बाद काटने वालों पर ध्यान नहीं देते अधिकारी
कौशाम्बी। पौधारोपण के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन पौधारोपण के बाद जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में ज्यादातर पौधे अराजकता की भेंट चढ़ जाते हैं। सड़क किनारे लगाए गए पौधों को जहां लोग ईंधन के प्रयोग के लिए काट रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बाग-बगीचों में लगे पेड़ों को लकड़ी माफिया नष्ट कर रहे हैं। वन विभाग समेत अन्य विभाग हर साल पौधारोपण अभियान चलाते हैं। इन पौधों को लगाने के बाद विभाग की जिम्मेदारी होती है कि वह पौधों का ध्यान रखें। उनकी देखरख करें लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मंझनपुर- चित्रकूट हाईवे पर सड़क के किनारे लगे पौधों को अक्सर लोग काटते रहते हैं। केवल इस सड़क पर ही नहीं, जिले की अन्य सड़कों पर भी इसी प्रकार लोग ईंधन की जरूरत को पूरा करने के लिए पौधों को काटकर उठा ले जाते हैं। खास यह कि इन सड़कों से आए दिन अधिकारी गुजरते रहते हैं लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया आता है। पुलिस लाइन के सामने सोमवार को कुछ लोग वहां रोपे गए पौधों को काटते दिखे। हालांकि, महिलाओं को रोकने की जरूरत किसी ने नहीं समझी। उदहिन प्रतिनिधि की मानें तो जगन्नाथपुर गांव में लकड़ी माफिया कई दिनों से एक बाग में पेड़ों को काटने में जुटे हैं। इस संबंध में लोगों ने वन विभाग व पुलिस को जानकारी दी मगर अब तक कोई जांच करने के लिए नहीं पहुंचा। लगातार पौधों और पेड़ों की कटाई से हरियाली दिनों दिन कम होती जा रही है। इस संबध में डीएफओ आरएस यादव कर्मचारियों को सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे। जो लोग पेड़-पौधों को काटेंगे। यदि वह पकड़े गए तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

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