नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर कठर विक्रांत नेवी को सौंपेंगे। मोदी साढ़े नौ बजे कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहुंचे। यहां उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। मोदी ने यहां नेवी के नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मौजूद थे। मोेदी ने कहा कि इस एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने वाले इंजीनियर्स की तारीफ की और कहा- इस शिप में जितने केबल और वायर हैं, वो कोच्चि से काशी तक पहुंच सकते हैं।
ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है। ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है। ये अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है। ये बताता है कि ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। हम आज नए सूर्य के उदय के साक्षी बन रहे हैं। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है। उससे 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है। ये दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। केबल और वायर कोच्चि से शुरू होकर काशी तक पहुंच सकते हैं। ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण हैं।
20 मिग-29 फाइटर जेट्स ले जाने में सक्षम आईएनएस विक्रांत
आईएनएस विक्रांत देश में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। ये एयरक्राफ्ट कैरियर 20 मिग-29 फाइटर जेट्स ले जाने में सक्षम है। इसकी लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपए है। 1971 की जंग में कठर विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया था।