कौशाम्बी। सरकार भले ही उपभोक्ता के हितों के लिए उन्हें जागरुक करने का दम भरती हो, लेकिन हकीकत यह है कि प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते आज भी उपभोक्ताओं के साथ सरेआम कम सामान दिया जा रहा है। जिसे जिम्मेदारों को देखने की भी र्फुसत नहीं है। बाट माप विभाग की उदासीनता से जिलें के ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर दुकानों पर फेरी का काम करने वाले लोगों के पास आज भी पुराने जमाने का डंडी लगा तराजू और ईंट पत्थर के बाट आसानी से देखे जा रहे है, बल्कि उन्हीं बाटों से तौल आदि करके उपभोक्ताओं का शोषण भी किया जा रहा है। यही नहीं अधिकाश दुकानों पर तो बाटों में मोहर तक नहीं लगी रहती,जिससे सरकार की जागरुकता मुहिम को पलीता लग रहा है और साथ ही उपभोक्ताओं का नुकसान भी हो रहा है। ग्रामीणो ने बाट माप निरीक्षक से माग की है कि अभियान चलाकर दुकानों पर उपयोग में लाए जा रहे तराजू और बाट को दुरुस्त कराएं। जिससे उपभोक्ताओं को हों रहे नुकसान से निजात मिल सके।