कौशाम्बी। अदब के साथ और जी, आप करके इनसे बात करिए। इन्होंने पैसों की खातिर सफाईकर्मी की नौकरी कर ली है। सफाई करने गांव में कतई नहीं आएंगे। सुनने में यह सब अटपटा जरूर लग रहा है लेकिन है सोलह आना सच। करारी के कई गांवों में तैनात सफाई कर्मी ऐसे ही हैं। गांवों में सफाई की नियत से शासन ने अच्छी-खासी पगार पर सफाई कर्मियों की तैनाती की। लेकिन इसका कोई मतलब निकलता नजर नहीं आ रहा है। मंझनपुर सदर विकास खंड क्षेत्र के कई गांवों में तैनात सफाईकर्मी नियुक्ति के बाद से आज तक गांव नहीं आए हैं। बताया जाता है कि तैनात सफाईकर्मी ठीक-ठाक घराने से और पढ़े-लिखे हैं, पैसों के लिए नौकरी तो कर ली लेकिन सफाई करने में इन्हें शर्म आती है। जिन गांवों में ऐसे सफाई कर्मी तैनात हैं वहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ग्रामीणों को स्वयं अपने दरवाजे पर सफाई करनी पड़ रही है। गंदगी से इन गांवों में संक्रामक बीमारियों के फैलने की भी आशंका बनी रहती है। इसके अलावा भी ग्रामीणों को तमाम तरह की दुश्वारियों से जूझना पड़ता है। लोगों ने जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए ऐसे सफाई कर्मियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। डीपीआरओ का कहना है कि जिन गांवों में सफाईकर्मी नहीं जाते। उनके ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी व बीडीओ को रिपोर्ट देनी चाहिए। बहरहाल मामले की जांच कराई जाएगी। शिकायत सही मिलने पर कर्मी के साथ सेक्रेटरी, प्रधान व बीडीओ पर भी कार्रवाई होगी।