कौशाम्बी। सिस्टम किस प्रकार विकलांग होकर वैशाखी पर टिक गया है, इसका नमूना देखना है तो सिराथू क्षेत्र के शमशाबाद ग्रामसभा में देखा जा सकता है,जहाँ एक परिवार 11 माह से एक अदद आशियाने के लिये भटक रहा है। यह पटकथा तब है जब सरकार दिन भर ढोल पीट-पीटकर कह रही हो कि बिना भेदभाव के गरीबों को आशियाना मुहैया कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है। बारिश में 11 महीने पहले गिरे मकान के बाद ब्राह्मण परिवार के मुखिया नंद गोपाल ओझा पंचायत भवन में परिवार सहित रहने को मजबूर है। मालूम हो जनपद का ग्रामसभा शमसाबाद कोई आम ग्रामसभा नही है इस ग्रामसभा को सांसद विनोद सोनकर ने कई साल पहले गोद लिया था। इतना ही नही ये वहीं गृह जनपद है जहाँ के भाजपा के कद्दावर नेता व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य है। बड़े बड़े नेताओं की कर्मभूमि होने के बाद भी यह के अधिकारी व कर्मचारी किस तरह बेलगाम है,कि 11 महीने पहले बारिश में गिरे मकान के बाद गरीब नंद गोपाल ओझा का परिवार पंचायत भवन में परिवार के साथ गुजर-बसर कर रहा है,मगर उसको एक अदद आशियाना मुहैया कराने में प्रशासन ने घुटने टेक दिये है। इतना समय बीतने के बाद आखिर उस गरीब को प्रशासन ने क्यों एक आशियाना नही मुहैया करा पाया। क्या उसका दोष शिर्फ इतना है कि वो एक गरीब ब्राह्मण है या कुछ और बस सवाल एक ही है आखिर उस गरीब को आशियाना कब मिलेगा।