शिक्षिका के रसूख के चलते कार्रवाई से कतरा रहे अफसर
ब्रेकिंग। सरसवां इलाके में एक जालसाज महिला फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षका बन गई है। विभागीय अफसरों के गठजोड़ से सत्यापन में भी प्रमाण पत्र को ऑल इज वेल दिखा दिया गया है। ऐसे में सालों से जालसाज शिक्षिका विभाग से लाखों रुपये वेतन के रूप में ले चुकी है। कुछ प्रशिक्षु शिक्षकों ने मामले की शिकायत सीएम व महानिदेशक से किया है।
वर्ष 2013 की शिक्षक भर्ती में सरसवां इलाके की महिला ने तत्कालीन सीएमओ व बाबुओं से सांठगांठ कर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था। आरोप है कि महिला की एक आंख महज टेढी है। महज एक आंख टेढ़ी दिखाकर 40 प्रतिशत का विकलांग प्रमाण पत्र दे दिया गया है। जबकि विभागीय गाइडलाईन के हिसाब से महज एक आंख खराब होने पर 10 प्रतिशत का भी दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में एक आंख में थोड़ी सी दिक्कत होने पर विभाग से 40 प्रतिशत का प्रमाण पत्र कैसे निर्गत हो गया है,इसका जवाब देने से अफसर कतरा रहें है। विभागीय सूत्रों की माने तो दिव्यांग प्रमाण पत्र पूर्णता फर्जी है। विभाग से निर्गत ही नहीं किया गया है। हालांकि ये तो जांच के बाद ही तय हो पायेगा। साथ ही चर्चा है कि जालसाज शिक्षिका के और भी कई अभिलेख फर्जी है। मामले की शिकायत लोगों ने सीएम सहित अफसरों किया है।
उच्ची पकड़ के चलते जालसाज शिक्षिका के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
सरसवां इलाके की जालसाज शिक्षिका की शिकायत पहले भी हो चुकी है। लेकिन विभागीय अफसरों व बाबुओं से गठजोड़ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। चर्चा जालसाज की जालसाज शिक्षिका की पहुँच निदेशालय के कुछ अफसरों से है। इससे अफसर जालसाज शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रहें है।
बोले अफसर
मामला संज्ञान में नहीं है,यादि कोई फर्जी अभिलेख के सहारे टीचर बन गई है तो जांच कराकर मामले में कारवाई की जाएगी। प्रकाश सिंह बीएसए

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