इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
ललितपुर। श्रीनृसिंह रामलीला समिति तालाबपुरा ललितपुर के तत्वाधान में आयोजित रामलीला के चतुर्थ दिवस में धनुष यज्ञ, रावण- बाणासुर संवाद एवं परशुराम-लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया गया। सर्वप्रथम कोरस गीतों के उपरांत लीला मंचन के प्रथम दृश्य में विश्वामित्र को जनकपुर में राजकुमारी सीता के स्वयंवर का समाचार प्राप्त हुआ राजा जनक ने यह शर्त रखी कि शिव धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यचा चढ़ाने वाले के साथ ही सीता का विवाह किया जाएगा राम धनुष को उठाने के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिखाई केवल अपने गुरु का आदेश पाने पर ही उन्होंने शिव धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यचा तोड़ दिया और सीता जी के साथ विवाह के बाद राम अयोध्या लौटे और उनका जीवन सुख पूर्वक व्यतीत होने लगा। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य संरक्षक भगवत नारायण अग्रवाल एड., अध्यक्ष नरेंद्र कड़की, कोषाध्यक्ष अखिलेश पाठक, महामंत्री प्रभाकर शर्मा एड., उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह तोमर, सुनील शर्मा पत्रकार, रामगोपाल नामदेव, पन्नालाल साहू, चंद्रशेखर राठौर, गिरीश पाठक सोनू, सुबोध गोस्वामी, आसाराम सेन, देवी कुशवाहा, मर्दन सिंह यादव आशीष श्रीवास्तव, पात्र कलाकार- भगवान श्री गणेशजी की भूमिका में कमलेश पाठक, राम रूद्र प्रताप सिंह, लक्ष्मण गर्वित प्रताप सिंह तोमर, सीता कृष्ण प्रताप , विश्वामित्र पवन सुडेले , रावण विजयकांत सुडेले, वाणासुर रोहित चतुर्वेदी, परशुराम पंडित जगदीश पाठक शास्त्री के अलावा मीडिया प्रभारी अमित लखेरा, पंकज रायकवार आदि शामिल रहे।