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पर्यटन स्थलों की बदौलत कभी देश सोने की चिडिय़ा था : राज्यमंत्री

Tuesday, September 27, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'

उ.प्र. पर्यटन विभाग एवं इन्टैक ललितपुर चैप्टर ने मनाया पर्यटन दिवस समारोह

ललितपुर। उ.प्र. पर्यटन विभाग एवं इन्टैक ललितपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विश्व पर्यटन दिवस समारोह का शुभारम्भ राज्यमंत्री मनोहर लाल व सदर विधायक रामरतन कुशवाहा ने सरस्वतीजी के चित्र पर माल्र्यापण एवं दीप प्रजज्वलन करके किया। छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उपस्थित जनों ने ललितपुर की धरोहरों के संरक्षण एवं पर्यटन विकास का संकल्प लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश प्राचीन धरोहरों एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त समृद्धशाली है। इन्हीं धरोहरों एवं पर्यटन स्थलों के बदौलत कभी देश सोने की चिडिय़ा हुआ करता था। आज हमें धरोहर स्थलों, नैसर्गिक स्थलों को जानने की आवश्यकता है। अपनी प्राचीन संस्कृति, गौरवशाली इतिहास, लोक संस्कृति एवं रमणीक पर्यटन केन्द्रों ने बुन्देलखण्ड को हमेशा देश में गौरवान्वित किया है। केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भी बुन्देलखण्ड के पर्यटन विकास हेतु जागरूक एवं प्रयासरत है। सदर विधायक ने कहा कि ललितपुर के पर्यटन केन्द्रों को विकसित किये जाने हेतु कारगर और सकारात्मक प्रयास किये जा रहे है आने वाले समय में देश के सैलानी ललितपुर आयेंगें इससे यहां रोजगार के साधन बढ़ेगें और जनपद आर्थिक दृष्टि से समृद्ध होगा। इन्टैक संयोजक सन्तोष कुमार शर्मा ने कहा कि इन्टेक द्वारा प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है। जिनके फलीभूत होने पर देश विदेश के सैलानी ललितपुर की पर्यटन स्थलों का अवलोकन करेंगें और जनपद प्रदेश के पर्यटन का केन्द्र बिन्दु बनेगा। ललितपुर में पुरातत्व सम्पदा, धरोहर स्थल, रमणीक पर्यटन स्थल, जलप्रपात, सुन्दर वन, लुभाती लोक संस्कृति तथा प्राचीन मंदिर, किले मौजूद है। जो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हो सकते है। पर्यटक अधिकारी हेमलता ने कहा कि ललितपुर में पर्यटन विकास की अपार सम्भावनायें मौजूद है और शासन प्रशासन का ध्यान भी इस ओर है। विकास की कई योजनाओं के माघ्यम से जनपद ललितपुर के पर्यटक स्थलों, किलों का विकास कराया जायेगा। विश्व पर्यटन दिवस की थीम पर्यटन पर पुर्नविचार पर अपने विचार व्यक्त किये। कलाविद्ध ओमप्रकाश बिरथरे एवं पर्यटन मित्र फिरोज इकबाल ने कहा कि प्राकृतिक सौन्दर्य एवं प्रचुर खनिज वन संपदा के साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक परम्परा की अटूट श्रंखला जनपद में मौजूद है। पर्यटन के पर्याय के रूप में धरोहरों, विविध रीति रिवाजों और सांस्कृतिक रंगो का प्रमुख हिस्सा जनपद ललितपुर है जिसके बारे में जानने और संरक्षित करने की नितांत आवश्यकता है। इस अवसर पर डा.अल्का यादव, डा.कमलेश मौर्य, प्रो.रमेशचन्द्र पटेल, भजनलाल, उत्कर्ष जैन, अजब सिंह, रामलखन यादव, नसीम खांन, वन्दना सैन, शाहरूक खांन, प्रसन्न विश्वकर्मा सहित महाविद्यालय के सैकड़ो छात्र छात्राएं मौजूद रहे। अंत में प्राचार्य डा.महेश कुमार ने आभार जताया।

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