इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि श्री ने श्रावकों को दी सीख
ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने कहा साधू का सानिध्य पाकर श्रावक को असीम आनंद की अनुभूति होती है। श्रावक की भावनाओं को अपने अदंाज में मुनि श्री ने कहा श्रावक अपने लोक व्यवहार में जिस कार्य में कष्ट और परेशानी का अनुभव करता है वही कार्य जव साधू के निमित्त करता है तो आनंद मनाता है। अनेक उदाहरणों को मुनि श्री ने श्रावकों के सम्मुख रखा तो उपस्थित जनसमुदाय ने हर्षित मन से अनुमोदन की। उन्होने कहा धर्म की क्रियाओं में चमत्कार है अनेकों लोग जो कष्ट से ग्रसित रहते हैं वह साधू सेवा और संगति में कष्टों से मुक्त होकर अलोकिक आनंद की अनुभूति करते हैं। मुनि श्री ने ललितपुर के चातुर्मास का जिक्र करते हुए कहा मुझे नहीं लगता श्रावकों का उत्साह कम रहा वल्कि पहले से चौथे चातुर्मास में निरंतर वढा है। उन्होने श्रावकों को प्रेरित किया साधूसंगति और धर्म से जुडकर अन्तिम समय तक सानिध्य मिले ऐसी भावना करो इससे वर्तमान तो सुधरेगा साथ ही भविष्य भी अच्छा होगा। मुनि श्री द्वारा इन दिनों जीवन को शान्तिमय और आनंदपूर्वक व्यतीत करने की सीख श्रावकों को दी जा रही है। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार द्वारा हुई तदुपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया तथा महिला मण्डल ने मुनि श्री को शास्त्र भेंट का पुण्र्याजन किया।