ललितपुर। दुर्गा देवी मंदिर तेरा में चल रही भागवत कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास देवी पूजा ने मुख्य यजमान परीक्षत संजय देवेन्द्र सिंह पुत्र नाहर सिंह लम्बरदार एवं उपस्थित जनसमूह को सुदामा चरित्र की कथा का श्रवण कराया। समरा सुर के बध करने हेतु कामदेव ने कृष्णरुक्मणि के गर्भ से प्रदुम्न नाम के बालक ने जन्म लिया। लगातार जनता पर अत्याचार करने प्रदुम्न ने समरा सुर का बध कर दिया।इसके बाद भगवान कृष्णजी ने सत्यभामा एवम जामवंती जी के साथ 16108 विवाह किया था।भगवान श्री कृष्ण जी के वचपन के मित्र सुदामाजी बहुत गरीब ब्राम्हण थे। जब वह आर्थिक स्थिति से बहुत परेशान हुए तो उनकी पत्नी ने मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिका पूरी भेजा।कई दिनों पैदल चलकर सुदामा जी कृष्ण जी मिलने द्वारिकापुरी पहुचे। कृष्ण सुदामा का मिलन देखकर सभी लोग स्तब्ध रह गए। भगवान कृष्ण जी ने मित्र सुदामाजी की दशा देखकर इतने रोये की उनके पैर आसुओ से धूल गए। मित्र सुदामा जी की पत्नी द्वारा भेंट दी गयी तन्दुल खाकर सुदामा जी को 2 लोक का राजा बना दिया।जब तीसरी मुठ्ठी भरी तो रुक्मणिजी ने हाथ पकड़ लिया कहा प्रभु अब कुछ अपने पास रहने दो। आज कथा के समापन के अवसर पर सुरेश कुमार ने अपने साथियों के साथ उपस्थित होकर कथाव्यास का सम्मान किया आरती उतारी। इसके बाद उन्होंने विधायक निधि से दुर्गाजी मन्दिर पर लगाये पेवर बिक्स का फीता काटकर उद्घाटन किया। कथा व्यास देवी पूजा के साथ आचार्य नीलेश महाराज मंजू पांडे संगीत पर राजपाल सिंह राजपूत, दशरथ सिंह राजपूत, धर्मेन्द्र प्रजापति, रमलचंद प्रजापति, अनुराग नामदेव, यज्ञप्रताप सिंह आदि सहयोग कर रहे है। श्रीमद भागवत कथा का आज पूर्ण आहुति के साथ समापन किया गया। 4 सितंबर को कन्या भोज भंडारा के साथ कथा का समापन किया जाएगा। इस अवसर पर कथा परीक्षत संजय देवेन्द्र सिंह लम्बरदार, भगवत सिंह बैस, कृपाल सिंह, रघुवीर सिंह, खलक सिंह, रमेश सिंह, राजबहादुर सिंह, जयपाल सिंह, देवेंद्र सिंह, इंद्रजीत सिंह, मुकेश राजा, राहुल सिंह, आंनद सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, शंकर सिंह परमार, शैलेन्द्र सिंह, सुरेन्द्रपाल सिंह, लल्लू राजा, भुजबल सिंह, केदार सिंह, गब्बर सिंह गोर, महावीरसिंह बैस, सुदीप राजा, सुखपाल सिंह, श्रीपत, हरिकृष्ण यादव, सुके सिंह, राजपाल सिंह, बटू माते, गंगू, बालचन्द, रामसहाय विश्वकर्मा, करोड़े, जमना प्रसाद, जानकी प्रसाद, रामकिशन नामदेव, प्रकाश, बिटउ सेन, शिमले, मनु, मूलचन्द, जालम कुशवाहा, हरिबाबा, श्रीपत, राहुल देव, काशीराम चौकीदार, चन्द्रभान, किशन, चन्ने पाल, पर्वतलाल, चंदन प्रजापति, सुन्ना लाल, रामस्वरूप रजक, बिन्दे अहिरवार प्रधान, कोमलचन्द, विनोद, तुलाई, सुम्मे, काशीराम, जयराम, निरन आदि समस्त ग्रामवासियों का सहयोग मिल रहा है।