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चुनौतियों से निपटने में आईआईटी से काफी अपेक्षा: राष्ट्रपति

Saturday, September 3, 2022

/ by Today Warta



नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी की गाथा को स्वतंत्रत भारत की कहानी बताते हुए शनिवार को कहा कि आने वाले समय में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से जलवायु परिवर्तन, जीवाश्म ईंधन, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में योगदान की अपेक्षा हैं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, आईआईटी राष्ट्र का गौरव रहे हैं और उनकी कहानी स्वतंत्र भारत की कहानी है। उन्होंने कहा कि भारत के पास प्रतिभाओं का बड़ा भंडार हैं जिनका पूर्ण रूप से अभी तक उपयोग नहीं किया गया है। इस दिशा में आईआईटी की महत्वपूर्ण भूमिका है।  

मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली ने समाज से जुड़े मुद्दों के प्रति हमेशा अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखायी है और कोविड-19 महामारी के प्रथम चरण में संस्थान द्वारा रैपिड एंटीजेन किट, फेस मास्क आदि विकसित किया गया था। उन्होंने कि महामारी के दौरान आईआईटी, दिल्ली का योगदान इस बात का उदाहरण है कि स्वास्थ सुरक्षा के विषय में अकादमिक संस्थान किस प्रकार से योगदान दे सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की जनसंख्या अधिक होने के मद्देनजर भविष्य के लिए नीतियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तभी आबादी का लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ह्यह्यहमें अपने संस्थानों को नये तरह के अध्ययन के ढांचे, व्यवस्था एवं पाठ्य सामग्रियों से लैस करने की जरूरत है ताकि इन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। मुर्मू ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली बड़े पैमाने पर अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा, हम वर्ष 2047 का उल्लेख करते हैं तब जलवायु परिवर्तन हमारे समक्ष गंभीर चुनौती बन कर आ रहा है और एक विकासशील देश होने के नाते हमारे अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ता है।ह्णह्ण उन्होंने जीवाश्म ईंधन का जिक्र करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिये आईआईटी से काफी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर होती स्थिति में आईआईटी का बड़ा योगदान है।

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