मोहम्मद जमाल
बास्केट ऑफ च्वाइस में मौजूद हैं परिवार नियोजन के सभी साधन
उन्नाव| हर साल 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है | इसी क्रम में सोमवार को जिला महिला चिकित्सालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अर्चना वर्मा ने किया | मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन मौजूद होने के बाद भी महिलाएं अनचाहा गर्भ धारण कर लेती हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा है क्योंकि अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं असुरक्षित गर्भपात का रास्ता चुनती हैं | महिलाओं को इन्हीं खतरों से बचाने और जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है | इस मौके पर परिवार नियोजन साधनों का स्टॉल लगाया गया और परिवार नियोजन के साधनों का निःशुल्क वितरण भी किया गया | साथ ही लाभार्थियों को परामर्श भी दिया गया | इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि आज लोग छोटे और सुखी परिवार की अहमियत को भली भांति समझने लगे हैं | अनचाहे गर्भ के जोखिम से महिलाओं को बचाने की हर संभव कोशिश में स्वास्थ्य विभाग जुटा है | गर्भनिरोधक साधनों को अपनाकर जहां महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है वहीं मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को भी कम किया जा सकता है |
गर्भनिरोधक साधनों को अपनाने के आंकड़ों में भी वृद्धि हुई है | राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस -5)2019-21 के आंकड़ों के अनुसार 15 से 49 वर्ष की 48.7 फीसद महिलाओं ने किसी भी प्रकार के गर्भनिरोधक साधन का उपयोग किया है जबकि एनएफएचएस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 41.8 प्रतिशत था | एनएफएचएस-5 के अनुसार 15 से 49 वर्ष की 46.2 फीसद महिलाओं ने परिवार नियोजन के आधुनिक साधन अपनाए हैं जबकि एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 27.1प्रतिशत था | परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार ने कहा कि विवाह के दो साल बाद ही बच्चे की योजना बनाने और दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने का संदेश देते हुए लाभार्थी को परिवार नियोजन के अस्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है | परिवार नियोजन के लाभार्थियों की काउंसलिंग करते समय उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए उन्हें परिवार नियोजन के साधन को चुनने में सहयोग किया जाता है |
इसलिए सरकार ने बास्केट ऑफ च्वाइस की सुविधा प्रदान की है | बास्केट ऑफ च्वाइस में परिवार नियोजन के स्थायी साधन महिला एवं पुरुष नसबंदी तथा अस्थायी साधन आईयूसीडी(कॉपर टी), त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोलियां, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया और कंडोम की सुविधा उपलब्ध है | लाभार्थी को उसकी इच्छानुसार सभी स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें उपयुक्त साधन चुनने में सहयोग किया जाता है | लाभार्थी पर किसी साधन को चुनने का दबाव नहीं डाला जाता है |
परिवार नियोजन के साधन निःशुल्क मुहैया कराए जाते हैं | इसके साथ ही लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि दिए जाने का भी प्रावधान है | उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई(यूपीटीएसयू) के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि समुदाय को परिवार नियोजन साधनों के बारे में जागरूक करने के लिए हर माह की नौ तारीख को अंतरा दिवस, 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस और हर बुधवार को अंतराल दिवस मनाया जाता है | इसके अलावा ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस पर भी लाभार्थियों को जानकारी और सेवाएं निशुल्क मुहैया कराई जाती हैं | इसके साथ ही सीएचसी पर कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं | इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नवविवाहित जोड़ों को नई पहल किट दी जाती है | इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम होते हैं ।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है। उन्होंने कहा “किट में एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।