इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
मड़ावरा/ललितपुर रविवार को जनपद ललितपुर की तहसील मड़ावरा में ईद मिलादुन्नबी (पैगंबर मुहमद साहब के जन्म दिवस) पर निकले जुलूसे मुहम्मदी में बच्चों ने प्रभात फैरी निकाल कर सरकार की आमद मरहबा के लगाये नारे। इस अवसर पर कस्बा की जामा मस्जिद एबं टोरिया स्थित सुन्नी मुनब्बबरी मस्जिद से बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। बच्चो का जुलूस हजरत बाबा मस्तान शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर पहुँचा जहां फातिया खानी के बाद बच्चों को मिष्ठान वितरण कराया गया। इस दौरान दोनों मस्जिदों के इमाम समेत मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे। जुलूस की सुरक्षा व्यबस्था में थाना प्रभारी प्रेमचंद समेत पुलिस बल मौजूद रहा।
बताते चलें कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म अरब के शहर मक्का में 12 तारीख को 571 ईस्वी में हुआ था। पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था और जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। पिता और मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे। ऐसा कहा जाता है कि अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी। जिसके बाद पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया।
भारत देश के अलावा दुनिया भर में सभी मुसलमान काफी जोर-शोर और पूरे एहतराम के साथ यह त्योहार मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार तीसरे महीने मिलाद उन-नबी की शुरुआत हो जाती है। इसके 12वें दिन यह त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को ईद-ए-मिलाद या बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें 12 रबी-उल-अव्वल की तारीख में होने वाला यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए काफी ज्यादा महत्व रखने वाला है।
धूमधाम से मनाया जाता है ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार
ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार दुनिया भर में विशेष रूप से मनाया जाता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में इस दिन उनके सम्मान में जुलूस निकाला जाता है और जगह-जगह बड़े आयोजन भी किए जाते हैं। इस दिन शाम से ही जश्न की शुरुआत हो जाती है। मस्जिद और दरगाह के साथ साथ लोग अपने घरों में इसको पूरे अकीदत के साथ मनाते हैं। इस्लाम को मानने वाले लोग इस दिन लंगर करते हैं साथ ही जरूरत मंदों को गिफ्ट्स देते हैं। इसके अलावा उनके लिए खाने का इंतजाम करते हैं।