इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत कृषि विभाग ने गांव-गांव में की बैठकें
ललितपुर। एक से इकतीस अक्टूबर तक संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अन्तर्गत कार्यवाही हेतु कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा कार्ययोजना अनुसार बैठकें, गोष्टियों का आयोजन कर प्रथम सप्ताह में बिकास खण्ड जखौरा के ग्राम-घटवार, खडेरा, पंचमपुर, बानौली, पटौराकला, ककरूआ, रोडा, विघाखेत, ननौरा ,मैनवारा, बुधेडी एव ंनगवास में ग्राम प्रधान, स्वास्थ विभाग की एएनएम, आशा एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों की उपस्थिति में कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा बैठकें कर कृंतकों (चूहों एवं छछून्दर) जो कि घरों में एवं खेतो पर झाँडियों में छिपे रहते है का प्रभावी नियंत्रण अति आवश्यक है। चूहों से मनुष्यों में स्क्रब टाइफस बीमारी (जीवाणु रिक्टीसिया सुसुगामुशी), लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी (लेप्टोस्पोरा जीनस) एवं प्लेग (यूरेसीनिया पैस्टिस) आदि प्रकार की बीमारिया होती है। ये बीमारियाँ चूहों पर पाये जाने वाले पिस्सू के काटने से फैलती है। चूहों के बिलो, घासो एवं झाँडियों में छिपने से बीमारीया फैलती है। कृषकों को अपने खेत पर या किसी अन्य जगह खुले पैर घास पर चलने के कारण चूहो से सम्पर्क में आने पर स्क्रब टाइफस बीमारी हो सकती है। अत: कृषक भाई खेत पर काम करते समय जुते अवश्य पहने एवं अपने घरों एवं खेतो के आस-पास झाँडियों की कटाई-छटाई एवं साफ-सफाई अवश्य करे। चूहों की संख्या को नियंत्रित करने के लिये अन्न भण्डारण पक्का, कांकरीट तथा धातु से बने पात्रों में करना चाहिए ताकि उनकों भोज्य पदार्थ सुगमता से उपलब्ध न हो सकें। चूहे अपना बिल, झाडियों, कूडों एवं मेडों आदि में स्थायी रूप से बनाते है। खेतों का समय-समय पर निरीक्षण एवं साफ सफाई करके इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। चूहों के प्राकृतिक शत्रुओं-बिल्ली, सॉप, उल्लू, लोमडी, बाज एवं चमगादड आदि द्वारा चूहों को भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनको संरक्षण देने से चूहों की संख्या नियंत्रित हो सकती है। चूहे दानी का प्रयोग करके उसमें आकर्षक चारा जैसे- रोटी, डबलरोटी, बिस्कुट आदि रखकर चूहों को फसा कर मार देने से इनकी संख्या नियंत्रित की जा सकती है। घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे उसकों खाकर मर जाते है। अथवा जिंक फास्फाइड की 10 ग्राम मात्रा को 250-300 ग्राम दलिया या 500 ग्राम आटे में मिलाकर आटे की गोलियाँ बनाकर खेत में चूहों के बिलों के पास रखने से चूहे उसकों खाकर मर जाते है। यांत्रिक रूप सें चूहों के नियंत्रण के लिए चूहों को पकडने के लिए पिंजरे का प्रयोग भी किया जा सकता हैं। इसके अलावा चूहो को पकडने के लिये स्टीकी ग्लूम का प्रयोग भी किया जा सकता है। यह जानकारी कृषि रक्षा अधिकारी राजीव कुमार भारती ने दी है।

Today Warta