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बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे ईट भट्ठों की सूचना देने से कतरा रहे जिपं के अफसर

Saturday, October 8, 2022

/ by Today Warta



राकेश केसरी

रजिस्ट्रेशन के बिना संचालन के एवज में ईट भट्ठों से हुई लाखों की वसूली

कौशाम्बी। दोआबा में जिला पंचायत के अफसरों के खेल में दो दर्जन से अधिक ईट भट्टे बिना रजिस्ट्रेशन संचालित हो रहे है। बिना रजिस्ट्रेशन ईट भट्ठों के संचालन के एवज में जिपं के कर्मी मोटी रकम उसूल रहें है। काली कमाई के लिए जिपं अफसर बिना परमिशन चल रहे ईट भट्ठों की सूचना देने से गुरेज कर रहें है। बिना परमिशन धधक रही चिमीनिया पर्यावरण को दूषित कर रही है। साथ ही फर्जी ईट उधोग सहित दर्जनों ईट भट्ठा मानक विहीन चल रहे है। लेकिन जिला पंचायत के अफसर देखकर भी अनजान बन रहें है। साथ ही अपना ठीकरा प्रदूषण विभाग के सर थोप रहें है। जिले में लगभग सवा दो सौ ईट भट्ठे संचालित हो रहें है। इसमें दो तिहाई भट्ठे मानक विहीन है। साथ ही दर्जनों भट्ठों की रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। आरोप है कि बिना परमिशन संचालित ईट भट्ठों से दो से तीन लाख रुपये उसूला जा रहा है। ईट भट्ठा संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि परमिशन लेने में लगभग चार से पांच लगभग रुपये लग जाते है। लेकिन बिना परमिशन ढाई से तीन लाख में काम निपट जाता है। साथ ही विभागों के चक्कर नहीं काटना पड़ता है। सूत्र बताते है बिना परमिशन ईट भट्ठों के संचालन में जिला पंचायत अफसर व बाबू अहम भूमिका निभाते है। साल भर बिना परमिशन ईट भट्ठों की सूचना देने में गोलमोल करते रहते है। साल के अंत में बिना परमिशन संचालित जिन भट्ठा संचालको से तालमेल नहीं हो पाता है,उनकी सूचना अफसरों मुहैया कराकर खानापूर्ति कर देते है। साथ ही जिनसे मोटी रकम मिल जाती है, उनको बंद दिखा दिया जाता है।


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सड़क के बगल में चल रहें ईट भट्ठे


सिराथू ब्लाक के रामपुर मडूकी गांव से महज चंद कदम की दूरी पर फर्जी ब्रिक फील्ड व मंझनपुर दीवर कोतारी के पास एमपीएस सहित दर्जनों मानक विहीन ईट भट्ठे संचालित हो रहें है। इसकी शिकायत भी कई बार अफसरों से हो चुकी है। इसके बावजूद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


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ईट भट्ठों की सूची देने से क्यों कतराते है जिला पंचायत के अफसर


जिला पंचायत के अफसर अपने कार्यालय में रजिस्टर्ड ईट भट्ठों की सूची देने से कतराते रहते है। लोगों के लगातार मांगने के बाद न तो कही चस्पा की जाती है,न ही किसी को दी जाती है। सूत्रों की माने तो ईट भट्ठों की सूची इसलिए गोपनीय  रखी जाती है। ताकि फर्जी तरीके से रहें ईट भट्ठों की किसी को भनक न लगे। साथ ही मोटी रकम वसूली जा सके।रखने को लेकर साथ ही सूची को का जिम्मा जिला पंचायत है। 


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क्या बोले अफसर


जिलाधिकारी सुजीत कुमार का कहना है कि ईट भट्ठों की शिकायत मिली है,जांच कराकर सम्बंधित जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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