राकेश केसरी
कौशाम्बी। आधुनिकता के दौर में सबकुछ आॅनलाइन है। इसके बावजूद लाइन में लगकर काम कराने की परंपरा नहीं बदली। सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टरों में सभी काम आॅनलाइन हो चुके हैं, लेकिन विभागों में लगने वाली लंबी लाइन से यही लगता है कि उपभोक्ताओं को आॅनलाइन प्रणाली रास नहीं आ रही। आॅनलाइन प्रणाली के तहत बैकिंग, बिजली बिल, खरीदारी, रेलवे टिकट समेत अनेक कार्य उपभोक्ता घर बैठे कर सकते हैं। इसके बाद भी किसी सरकारी कार्यालय में बिना घंटों लाइन लगे काम नहीं होता। पावर कारपोरेशन ने बिजली घरों पर लगने वाली लंबी कतार को खत्म करने के लिए प्रदेश में आॅनलाइन बिजली बिल जमा करने की प्रणाली लागू कर दी। लेकिन आज भी बिजली घरों में बिल जमा करने को उपभोक्ताओं की लंबी लाइन लगती है। बैकिंग सेक्टर का तो बुरा हाल है। शहर के किसी भी बैंक में बिना घंटों लाइन में लगे न तो कैश जमा होता है न ही लेनदेन होता है। रेलवे स्टेशन पर आरक्षण कराने के लिए भी लंबी लाइनें लगती हैं। सबसे अधिक मारामारी रेलवे के आरक्षण काउंटर पर देखने को मिलती है। इस संबध मे स्टेट बैंक मंझनपुर के शाखा प्रंबधक ने बताया कि उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए आॅनलाइन प्रणाली की शुरूआत की गई है लेकिन जागरूकता और टेक्नालाजी के अभाव में हर व्यक्ति इसका लाभ नहीं ले पा रहा है। इसके अलावा आॅनलाइन प्रणाली में कुछ ऐसी शर्ते हैं, जिसके कारण उपभोक्ता को विभाग में ही आकर कार्य कराना पड़ता है। देहात क्षेत्र के लोग न के बराबर आॅनलाइन प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं।