राकेश केसरी
कौशाम्बी। नेशनल हाईवे के किनारे अवैध रूप से रोजाना लाखो का वारा-न्यारा किया जा रहा है। इस अवैध कारोबार की कमाई लोहा लदे ट्रक ड्राइवरों की सॉंठ-गॉंठ से होती है। सूत्र बतातें हैं कि लोहा माफिया इन ट्रक ड्राइवरों से सीधे संपर्क में होते है। और संपर्क बनाने के बाद लोहा माफिया गैर कानूनी तरीके से चोरी का लोहा इन ड्राइवरों से औने-पौने दामों पर खरीद लेते हैं। इस चोरी के लोहे में कारोबारियों के हाथ इतने लम्बे होते हैं कि बड़े से लेकर छोटे अधिकारियों को खरीदने का दम रखते हैं। इतना बड़ा कारोबार पुलिस प्रशासन की सह पर ही चलता है क्योंकि इनका बाकायदा महीना बँधा होता है। बतां दें कि ट्रक ड्राइवर कंपनियों से लोहे का सामान जैसे सरिया, एंगट, एंगल, चद्दर आदि सामान लादकर हाईवे द्वारा अपने गंतव्य स्थान पर जाते हैं। तभी इन लोगों की सॉंठ-गॉंठ इन लोहा माफियाओं से होता है जिनके अड्डों पर अपनी गाड़ी सरेआम पुलिस की सह पर लगाकर हजारों का माल प्रति ट्रक कटिंग करके उतारा जाता है। जबकि इन माफियाओं के पास न ही अपने फर्म का रजिस्ट्रेशन होता है न ही कोई टैक्स अदा करता पड़ता है। ऐसे में ये माफिया सरकार एवं कंपनियों को धोखा देकर चोरी का माल पार कर देते है। यदि कोई ट्रक ड्राइवर पुलिस पहुँचने की बात करके आनाकानी करता है तो उससे साफ तौर पर माफिया कहते हैं कि तुम्हे क्या पता इसका हम महिनवारी देते हैं। पुलिस कुछ नहीं कहेगी। इस प्रकार बेखौफ होकर लोहा माफिया लाखों का रुपयों का माल प्रतिदिन पार करते हैं। धंधे को देखते हुए सूत्रों की माने तो ये लोग सूरज ढलते ही सारी रात और सूरज उगने के पहले ये धंधा बंद हो जाता है। पुन: शाम होने का इंतहार होता है। तब तक का खरीदा गया माल सीधे अन्य जगहों पर बनाए गए गोदामों में रखवा दिया जाता है। ऐसे में बड़े तबके के अधिकारियों के आने पर उनको खाली हाथ जाना पड़ता है। ऐसे में ये माफिया बेखौफ होकर धंधे में संलिप्त रहते हैं।

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