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रामलीला: महर्षि विश्वामित्र का आगमन और ताड़का वध का हुआ मंचन

Thursday, October 13, 2022

/ by Today Warta




राकेश केशरी

कौशाम्बी करारी : आदर्श नगर पंचायत करारी में चल रहे रामलीला मंचन के तीसरे दिन मुनि आगमन, ताड़का वध,अहिल्या उद्धार,नगर दर्शन व जनकपुर में पुष्प फुलवारी लीला का कलाकारों की ओर से बेहतरीन मंचन किया गया। जिसे देख दर्शक भावविभोर हो गए। बुद्धवार की रात करारी की रामलीला में इसी बीच महर्षि विश्वामित्र का आगमन अयोध्या में होता है। महर्षि विश्वामित्र चक्रवर्ती नरेश राजा दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने उनके महल पहुंचे। महर्षि ने राजा दशरथ से कहा कि राजन ताड़का नाम की राक्षसी से पूरा समाज भयभीत है। वह जप तप यज्ञ इत्यादि नहीं करने देती है। इसलिए यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को लेने आया हूं। यह सुनते ही राजा दशरथ दुखी हो गए और कहा कि मुनिवर मेरे राम व लक्ष्मण बहुत कोमल व सुकुमार हैं, भला ताड़का जैसी राक्षसी का कैसे वध करेंगे? ऋषिवर मैं स्वयं आपके यज्ञ की रक्षा के लिए चलूंगा, लेकिन राम व लक्ष्मण को नहीं जाने दूंगा। राजा दशरथ की बात सुन महर्षि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और बोले कि मैं तुम्हारी अयोध्या नगरी को भस्म कर दूंगा। उसी समय वशिष्ठ मुनि आते हैं और विश्वामित्र को शांत कराते हुए राजा दशरथ को समझाते हैं कि राम लोक कल्याण के लिए अवतरित हुए हैं। इसलिए इनको महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने दीजिए। राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ विदा करते हैं। भगवान राम रास्ते मे ही ताड़का नाम की राक्षसी का वध करते हैं। ताड़का का वध होते ही रामलीला प्रांगण जय श्रीराम के नारे से गुंजायमान हो उठा। इसके बाद गौतम ऋषि के श्राप से नारी से शिला बनी अहिल्या का उद्धार किया। पत्थर पर जैसे भगवान श्री राम ने पैर रखा तो श्रापित अहिल्या फिर से नारी रूप में प्रकट हुई। ऋषि विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण जनकपुर पहुंचे। राजा जनक ने मुनिवर विश्वामित्र व राम का स्वागत सत्कार किया। जहां पूजा के लिए जनक की पुष्प वाटिका में पुष्प चुनने के लिए राम व लक्ष्मण गए। वहां दोनों भाइयों को देख नगरवासी आनंदित हुए। उसी समय मां पार्वती की पूजन करने सीता जी ने भगवान राम को देख मोहित हुई। उन्होंने पति के रूप में पाने के लिए मां गौरी का पूजन किया। करारी में चल रही रामलीला महोत्सव में एआरटीओ शंकर जी ने भगवान श्री राम की आरती कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने हमेशा मयार्दा का पालन किया। इसलिए उन्हें मयार्दा पुरुषोत्तम श्री राम कहते हैं। एक आदर्श जीवन जीने के लिए भगवान श्री राम के रास्ते पर चलना होगा। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष संजय जायसवाल,प्रबंधक,ज्ञानू शर्मा, महामंत्री सजीत मोदनवाल, ट्रस्टी रमेश चन्द्र शर्मा व संरक्षक बच्चा कुशवाहा, लाल जी वर्मा, पंकज वर्मा, रमेश केसरवानी, कपिल जायसवाल, पवन शर्मा सहित हजारो दर्शक उपस्थित रहे।

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