राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिले के मुख्यमार्गों और पटरियों पर लोगों की कब्जेदारी है। इस हटाने वाले जिम्मेदार अधिकारी की आंख बंद और जुबान खामोश रहती है। इतना ही नहीं सड़कों और पटरियों पर वाहनों को खड़ा करना यहां के लोगों की नियत में शामिल हो गया है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं और जाम लगता है। लेकिन इन्हें कोई हटवाने की जहमत नहीं मोल लेता है। यातायात नियमों के पालन कराने के साथ.साथ सड़क सुरक्षा का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को शायद सड़कों पर डंप मोरंग,बालू,ईंट मलबा आदि नहीं दिखाई देता है या फिर गुप्त समझौता हो जाता है। सिराथू कस्बें में सैनी चैराहा तक सड़क पर भी कब्जेदारी हो गई है। आलम तो ये है कि यहां पटरी नहीं मुख्य राजमार्ग को ही कब्जा कर लिया गया है। आधी सड़क पर बालू,मौरंग, ईंट को डंप कर दिया है। जहां कुछ खाली मिली सड़क वहां ट्रक,बस,सहित अन्य वाहनों को खड़ा कर पार्किंग बना दिया। यही हाल जिले के मंझनपुर,भरवारी,सिराथू,करारी,सरायअकिल,मनौरी आदि कस्बो में भी देखने को मिल रहा है। इन कस्बो में कई दुकानें भी सड़क पर चल रही हैं। इनके अलावा सड़कों को पार्किंग स्थल बना लेना और आधी दुकान सड़क व पटरी पर चलने के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इनको हटवाने की जहमत न तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के पास है और न ही प्रशासन के पास।