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गौशाला का हाल बेहाल, अंतिम सांसें गिन रहे बेसहारा मवेशी

Sunday, October 9, 2022

/ by Today Warta

 


राकेश केसरी

जलजमाव व गंदगी से पटी पड़ी गौशाला,कीचड़ में फंसकर अंतिम सांसें गिन रहे गोवंश

सरायअकिल,कौशाम्बी। बेसहारा गोवंशो के संरक्षण के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। गोवंशो के संरक्षण एवं उनकी देखरेख के लिए कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई व अस्थाई गौशालाएं खोली गई हैं,ताकि बेसहारा गोवंशो को भरपेट चारा पानी मिल सके व किसानों की फसलों का नुकसान भी न हो। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते गौशालाओं व उनमें संरक्षित बेसहारा गोवंशो का हाल बेहाल है। कहीं मवेशियों को भरपेट चारा नहीं मिल पा रहा है,तो कहीं उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल नहीं की जा रही है। कहीं साफ सफाई नहीं होने के चलते दलदल में फंसकर बेसहारा मवेशी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। सरायअकिल कस्बे के पतेरिया मुहल्ले में दो साल पहले बेसहारा मवेशियों के संरक्षण के लिए नगर पंचायत द्वारा स्थाई गौशाला का निर्माण किया गया है। मवेशियों की देखभाल के लिए नगर पंचायत की ओर से तीन केयर टेकर भी रखे गये हैं। नगर पंचायत द्वारा हर महीने मवेशियों के चारे भूसे व राशन के नाम पर लाखों रुपए निकाले भी जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी गौशाला का हाल बेहाल है। पूरी गौशाला परिसर गंदगी से कीचड़ से पटा पड़ा है। देखरेख के अभाव में गौशाला में संरक्षित बेसहारा मवेशी दिनों दिन कमजोर पड़ते जा रहे हैं,तो तीन कमजोर मवेशी कीचड़ व दलदल में फंसकर अंतिम सांसें गिन रहे हैं। आस पास रहने वाले लोगों के मुताबिक गौशाला में प्रतिदिन एक दो मवेशी तड़प तड़प कर मरते रहते हैं। उनके मरते ही दूसरा मवेशी लाकर संख्या की पूर्ति कर दी जाती है। केयर टेकर काशी प्रसाद, प्रेमचंद्र व मुसर्रफ के मुताबिक उन्हें प्रतिदिन एक मवेशी को केवल तीन किलो चारा देने का निर्देश है, ज्यादा चारा खिलाने पर उन्हें ईओ द्वारा डांट पड़ती है, मवेशियों के स्वास्थ्य की नियमित देखभाल के लिए डाक्टर भी कभी कभार ही आते हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही व अव्यवस्थाओं के कारण दिन प्रतिदिन गौशाला में संरक्षित बेसहारा मवेशियों की सेहत बिगड़ रही है और वह काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गौशाला में अव्यवस्थाओं के कारण मवेशियों की दुर्दशा की जानकारी नहीं है,पशुचित्साधिकारी को मौके पर भेजकर जानकारी मांगी गई है, मैं स्वयं भी जाकर गौशाला का निरीक्षण करके समस्याओं को सही कराउंगा।

गौशाला में संरक्षित बेसहारा मवेशियों की संख्या में भी अंतर

गौशाला के रिकार्ड के अनुसार गौशाला में कुल 90 बेसहारा गोवंशो को संरक्षित किया गया है, लेकिन मौके पर उनकी कुल संख्या 67 ही है। रिकार्ड के हिसाब से आखिर 23 मवेशी कहां गये इसका जवाब किसी के पास नहीं है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जिम्मेदार अपनी नाकामी छिपाने के लिए मृत हुए मवेशियों को हटाकर तुरंत दूसरा मवेशी पकड़कर उसकी टैंगिंग कराकर संख्या पूरी दिखा देते हैं।

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