राकेश केसरी
कौशाम्बी। आर्थिक मंदी से गुजर रहे भारतीय बाजारों को दीपावली का अवसर उबारने वाला होगा है। यहां त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाने की परंपरा रही है। ये सोच बाजार में तेजी लाती है। मुद्रा का प्रचलन बढ़ता है। ये वातावरण जनपद के बाजारों में अब दिखने भी लगा है। ग्राहकों में उत्साह है। चूंकि बाजार का ट्रेंड लगातार बदल रहा है। ऐसे में आॅनलाइन का दायरा बहुत तेजी से बढ़ा है। इसमें जनपद का बाजार खासकर कपड़ा व्यापार भी प्रभावित हुआ है। फिर भी पारंपरिक ढंग से बाजार करने की सोच ने देर से सही दुकानों पर जाकर खरीदारी में तेजी आई है। दीपावली और उसके बाद छठ पर्व को देखते हुए दुकानों पर विभिन्न प्रकार के फैंसी ड्रेसेज ग्राहकों को लुभा रहे हैं। इसमें स्थानीय से लेकर बड़े ब्रांड के कपड़ों की मांग लगातार बढ़ती भी जा रही है। गौरतलब हो कि भले ही नामी-गिरामी कंपनियां परिधानों की आॅनलाइन बिक्री में उतर आई हों, इसके बाद भी लोगों का विश्वास कीमत और गुणवत्ता को लेकर अभी भी बाजार में कपड़े के शोरूम और दुकानों पर बना हुआ है। दरअसल, दीपावली के लिए कपड़ों की खरीदारी शुरू हो गई है। इसे देखते हुए कारोबारियों ने ब्रांडेड और नान ब्रांडेड कंपनियों के अलग-अलग रेंज में सिले हुए कपड़े मंगाए हैं। बेहतर खरीदारी की बदौलत इस दीपावली पर कपड़ा बाजार करोड़ों रुपए का कारोबार होने की उम्मीद लगाया है। शोरूम संचालकों ने इस बार लोगों की खरीदारी की क्षमता और पसंद के अनुसार ही बच्चों, पुरुषों और महिलाओं के कपड़े मंगाए हैं। नान ब्रांडेड कपड़ों के अलावा ब्रांडेड में लोकल ब्रांड, नेशनल ब्रांड और इंटरनेशनल ब्रांड के सिले-सिलाए परिधान शामिल हैं। बच्चों के लिए फैंसी कपड़े बच्चों के लिए उनकी उम्र के अनुसार फैंसी कपड़े भी हैं तो सादा सिले हुए वस्त्र भी हैं। त्योहार और शादियों के लिए फैंसी कपड़ों में कमीज, हाफ पैंट और फुल पैंट की रेंज 500 से लेकर 2000 रुपए तक है। कारोबारियों के अनुसार बच्चों के कैपरी,फैंसी फ्राक, लेगीज एवं टाप अधिक बिक रहे हैं। कुछ दुकानदारों ने इंडोवेस्टर्न,वूलन,पार्टी वियर, कैजुअल वियर, पठानी कपड़े भी मंगाए हैं।