राकेश केसरी
कौशाम्बी। उच्च न्यायालय के 22 साल पहले हुए फैसले के बाद भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा विदेशी मछली की प्रजाति मांगुर एवं बिग हैड के अनाधिकृत रूप से पालन एवं बिक्री पर रोक होने के बाद भी मत्स्य विभाग के अधिकारी और पुलिस के संरक्षण में प्रतिबंधित मछली की जनपद में खुल कर बिक्री हो रही है। जिसके चलते सैकड़ो लोग चर्म रोग की चपेट में आ रहे हैं। मछली के सेवन से मनुष्यों में भयंकर चर्म रोग एवं कुष्ठ रोग भारी पैमाने पर फैल रहा है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के 7 सितम्बर 1998 के फैसले के बाद भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के मत्स्य विभाग ने 29 जून 2000 को प्रदेशों के समस्त मत्स्य निदेशालय को निर्देशित करते हुए विदेशी मांगुर और बिग हैड के पालन पर रोक लगाये जाने एवं उपलब्ध स्टाक को नष्ट करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद कई स्थानों पर मत्स्य विभाग के अधिकारियों नें स्टाक को नष्ट कराने का कार्य किया था। परंतु गत कई वर्षो से जनपद कौशाम्बी में मांगुर व बिग हैड मछलियों के पालन के साथ भारी पैमाने पर बिक्री हो रही है।

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