राकेश केसरी
कौशाम्बी। विकास खंड सिराथू के ग्रामसभा नौढिया के मजरा गड़रियन का पूरा की ओर जिम्मेदारों की नजरें इनायत नहीं हो रही हैं। इससे यह मजरा सुविधाओं से कोसों दूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि लंबे-चैड़े वायदे करते हैं लेकिन चुनाव बीतने के बाद वायदों को भूल जाते हैं। यही वजह है कि मजरे की तस्वीर व तकदीर बदलने का नाम नहीं ले रही है। बदनसीबी को ढो रहे मजरावासियों में इसको लेकर काफी रंज है। सरकार की विकासशील योजनाएं यहां पूरी तरह से फ्लाप हैं। खड़ंजा, नाली, हैंडपंप, कालोनी, शौचालय व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से यहां के लोग वंचित हैं। गौरतलब हो कि उक्त मजरे में केवल पाल बिरादरी के लोगों का ही आवास है। इनकी आबादी एक सौ पचास घरो के ऊपर है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सिर्फ सौ मीटर खड़ंजा है। वह भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है। अयोध्या पाल का कहना है कि गांव में अन्य जगह बिजली है जबकि इस मजरे में अभी तक बिजली के पोल भी नहीं गड़े हैं। पंचम लाल का कहना है कि जल निकासी के लिए नाली नहीं बनाई गई है। मथुरा प्रसाद का कहना है कि यहां ग्राम पंचायत की तरफ से केवल एक हैंडपंप लगा है जबकि चार हैंडपंप और भी लगने चाहिए। रामबहोरी का कहना है कि यहां गरीब तबके के लोग बसे हैं लेकिन किसी भी परिवार को कालोनी व शौचालय नहीं मिला है। विधवा गनेशा देवी, सुमेर कली व कुंआरा देवी आदि का कहना है कि उन्हें विधवा पेंशन से वंचित किया गया है। पंचमलाल पाल का कहना है कि उनका लाल कार्ड निरस्त कर दिया गया है जबकि कई बड़े काश्तकार लाल कार्ड को जेब में डाले शान से टहल रहे हैं। ग्राम प्रधान का कहना है कि मजरे तक पहुंचने के लिए बनाई गई कच्ची सड़क उन्हीं के प्रयास से बनी है तथा भविष्य में विकास योजनाएं मिलने पर मजरे पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।