राकेश केसरी
कौशाम्बी। विकास खंड नेवादा के शेरगढ़ गांव में तीन माह से सफाईकर्मी नहीं पहुंचा। इससे गांव की अधिकतर नालियां चोक हो गई हैं। साथ रास्ते में जगह. जगह कूड़े का ढेर लगा है। नालियों की सफाई कराने की मांग ग्रामीणों ने सचिव व प्रधान से की थी। यदि बारिश से पूर्व नालियों की सफाई न कराई गई तो गांव में जल भराव की समस्या हो जाएगी। गांव व कस्बे को साफ सुथरा बनाने के लिए सरकार स्वच्छ भारत मिशन चलाया गया है। जहां गांवों की सफाई के लिए कर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए शौचालय भी बनाए जा रहे हैं। वहीं कुछ कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आज भी कई ग्राम पंचायतों में गंदगी का अंबार है, जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। इसका नमूना शनिवार को शेरगढ़ गांव में देखा गया, गांव की अधिकतर नालियां चोक हैं। दूषित पानी रास्ते में फैला हुआ है। जल भराव की वजह से लोगों को दिक्कत हो रही है। गांव के रवेंद्र सिंह, रामलौटन, विशाल दिवाकर का कहना है कि नाली में जमें कीचड़ के चलते दुर्गध फैल रही है। उसके पास बसे ग्रामीणों को सांस लेना दूभर है। पंचमलाल, सोहनलाल, राधेश्याम, राकेश ने बताया कि गांव के पूरब छोर में बसे 35 परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए धन नहीं दिया गया। इससे वह खुले में शौच करते है और गांव का वातावरण दूषित हो रहा है। शिवलाल दिवाकर ने बताया कि तीन माह से सफाईकर्मी के न आने से रास्ते पर बनी नालियां पूरी तरह से चोक हो गई हैं। रास्ते में दूषित पानी भरा हुआ है। इससे लोगों को परेशानी होती है। धर्मराज का कहना है कि गांव में जगह.जगह कूड़े का ढेर भी लगा है। गंदगी की वजह से हवा के साथ वातावरण दूषित हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं लेखराज कहते हैं कि मजदूरी करके जीवन यापन करने वाली अधिकांस ग्रामीणों को शौचालय के लिए धनराशि नहीं दी गई, जिससे चलते गांव के अधिकांश लोगों खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

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