राकेश केसरी
कौशाम्बी। मुख्यालय मंझनपुर में गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। नगर पालिका की उदासीनता का खामियाजा जनता भुगत रही है। शहरी क्षेंत्र में फागिंग मशीन न चलने से मच्छरों ने दिन रात का सुकून छीन लिया है। मच्छर जनित संक्रामक बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। जगह.जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं और बिजली गुल होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। घातक मच्छरों की वजह से आम जनमानस की रातों की नींद खराब हो रही है, लेकिन नगर पालिका के कर्मचारी सिर्फ खानापूरी कर रहे हैं, जिससे फागिंग मशीन में शोपीस बनी हुई है। साल में लाखों रुपये मच्छर भगाने के नाम पर प्रशासन के खप जाते हैं। जबकि असलियत कुछ और ही बयां कर रही है। खानापूरी के चलते लाखों की रकम बंदरबांट में जा रही है। मंझनपुर निवासी राहुल गुप्ता, संजय शुक्ला, रमेश सिंह, मुजीब अहमद आदि का कहना था कि गलियों में फागिंग मशीन कभी नहीं दिखती है, अब तो मुख्य सड़कों में भी नगर पालिका प्रशासन की कार्यवाही शून्य दिख रही है। नगर पालिका के प्रशासक को नगर पंचायत प्रशासन के जिम्मेदारों के कामकाज को खंगालना चाहिए। इस संबध में डा0 अरुण केशरवानी का कहना हैं कि यदि मच्छर का प्रकोप बढ़ा है मच्छरदानी लगाकर सोएं। घरों के आसपास जलभराव न होने दें। जलभराव है तो उसमें मिट्टी तेल की कुछ बूंदे अवश्य डाल दें ऐसा करने से मच्छरों के लार्वा नष्ट हो जाएंगे। मच्छरों के काटने से मलेरिया,फाइलेरिया जैसी घातक बीमारियां पनपती हैं। वही इस संबध मे अधिशाषी अधिकारी का कहना हैं कि माह में तीन.चार मर्तबा फागिंग मशीन चलाने के निर्देश दिए गए हैं। मशीन शहर क्षेत्र के कई मुहल्लों में छिड़काव भी कर रही है, ताकि मच्छरों का प्रकोप न हो सके। फिर भी फागिंग मशीन छिड़काव करने के दिन बढ़ा दिए जाएंगे।

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