इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
बानपुर/ललितपुर। कस्बे में श्री श्री 1008 श्री बजरंगढ़ रामलीला मन्दिर कमेटी के तत्वाधान में शारदीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में कस्बे में चल रही श्री रामलीला के पांचवें दिन धनुष भंगव सीता स्वयंवर की लीला का मंचन किया गया । जिसको दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया । रामलीला में सर्वप्रथम भगवान श्रीराम व लक्ष्मण जी की आरती उतारी गई व कोरस के बाद लीला का मंचन किया गया जिसमें भगवान राम को लेकर विश्वामित्र जनकपुर पहुंचते हैं जहां उन्हें सीता स्वयंवर की जानकारी मिलती है तभी मुनि विश्वामित्र के आगमन की सूचना राजा जनक को प्राप्त होती है। तब जनक महर्षि शतानंद के माध्यम से मुनि विश्वामित्र को ससम्मान राजमहल में आमंत्रित करते हैं। उपरांत राजा जनक बेटी सीता के स्वयंवर की शर्त मुनि विश्वामित्र को बताते हैं व लगातार इस दौरान सीता स्वयंवर मे दूर-दूर से राजा महाराजाओं का आगमन होता है, इस मौके पर रावण,बाणासुर आकर जोर आजमाइश करते हैं, लेकिन जब सभी राजा इस प्रयास में असफल हो जाते हैं,तो मुनि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर भगवान प्रभु श्री राम ने शिवजी का धनुष भंग कर दिया।धनुष भंग होते ही भगवान परशुराम आकर क्रोधित होते हैं व भगवान परशुराम व लक्ष्मण का संवाद होता है,भगवान परशुराम जब भगवान राम को पहचान लेते हैं तो उन्हें प्रणाम करते हुए अपने लोक को प्रस्थान करते हैं। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष पंडित प्रदीप दीक्षित, राजनारायण रावत,जयकिशोर श्रीवास्तव,राकेश नामदेव, ध्रुवपाल सिंह,रक्षापालसिंह, राहुल गहरवार,प्रवेंद्र गहरवार,घनेन्द्र प्रताप सिंह परमार,मनोज नामदेव, लखन चौरसिया, रूपांश नामदेव,दुष्यंत पायक, कल्लू कुशवाहा,महेंद्र, अभिनय शर्मा,टीपू श्रीवास्तव भागीरथ झा,ललित नामदेव,रामलीला का सफल संचालन कर रहे सहावेन्द्र प्रताप सिंह गहरवार सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।