इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र
विटामिन और मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए के लिए दिया जाता है फोर्टीफाइड फूड्स
ललितपुर। फोर्टिफाइड फूड्स शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी को पूरा करते हैं। इस वजह से बच्चों से लेकर युवा तक को फोर्टिफाइड फूड्स की सलाह दी जाती है। हर वर्ग के लोग फोर्टीफाइड फूड ले सकते हैं। फोर्टिफिकेशन का मतलब भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना है ताकि भोजन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज सिंह का। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र के लाभार्थियों को पौष्टिक आहार के जरिए जरूरी पोषक तत्व दिए जा रहेहैं। उनको हर महीने फोर्टिफाइड सरसों का तेल उपलब्ध कराया जाता है, इसमें विटामिन ए और डी मिला होता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी ने बताया कि अक्सर जो भोजन हम खाते हैं, उससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इस कारण कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं। इनमें एनिमिया, दृष्टि कम होना, हड्डियां कमजोर होना, लगातार फ्रैक्चर सहित अन्य गंभीर बीमारी शामिल हैं। फोर्टिफाइड फूड्स के संतुलित भोजन के साथ इन बीमारियों से बचा जा सकता है,साथ ही शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी की भी पूर्ति हो जाती हैं। विशेषकर बच्चो के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व बेहद आवश्यक होते है। इसे ध्यान में रखकर बच्चे के गर्भ में आने के बाद से ही महिलाओं को अपने भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। बच्चे के शुरूआती 1000 दिनों में माता को पोषक तत्व लेना जरूरी है। कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना ने बताया कि जो भी हम खा रहे हैं, क्या उसमें विटामिन और मिनरल्स हैं या नहीं,इस बात का ध्यान रखना जरूरी हैं। खाने में भरपूर न्यूट्रिएंट्स हों, तभी शरीर का ठीक से विकास होता है। फोर्टिफाइड फूड्स से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की जरूरत पूरी हो जाती है। सामान्यता खाद्य पदार्थों जैसे नमक,तेल,चावल की पौषकता बढ़ाने के लिए विटामिन एवं मिनरल जैसे आयरन, आयोडीन, फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी आदि को मिलाया जाता है। जिससे फोर्टिफाइड फूड्स तैयार हो जाता है। प्लस एफ देखकर पहचान सकते फोर्टिफाईड खाद्य पदार्थ फोर्टिफाइड फूड के पैकेट्स पर प्लस एफ का निशान बना होता है, इससे इसकी पहचान की जा सकती है।
ये हैं फोर्टिफाइड फूड
नमक,तेल,चावल की पौषकता बढ़ाने के लिए विटामिन एवं मिनरल जैसे आयरन, आयोडीन, फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी आदि को मिलाया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड फूड्स कहते हैं इसमें गोल्डन राईस, आयोडीन नमक शामिल है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) 5 के अनुसार 6 से 59 महीने के 56 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी पायी गई है जबकि 51 प्रतिशत महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान खून की कमी पायी जाती है। इसके अलावा 5 वर्ष से कम आयु के 4.8 प्रतिशत बच्चे वजन मेंकम है। विकासखंड महरौनी के ग्राम पठा निवासी राजीव बताते हैं कि ढाई साल का प्रिंस आंगनबाडी केंद्र नामांकित है, उसे पौष्टिक आहार दिया जाता है।