राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिले की तमाम सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। ये सड़कें विकास को मुंह चिढ़ा रही हैं। क्षतिग्रस्त सड़के लोगों के आवागमन में जानलेवा बनी हुई है। जिम्मेदार इस समस्या के प्रति संजीदा नहीं हैं। लिहाजा यह समस्या समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। लोगों का आरोप है कि जब सड़कें बनाई जाती हैं तो उस समय गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता। इस अनदेखी के कारण सड़कें एक तरफ तो बनती हैं दूसरी तरफ उखडना भी शुरू हो जाती हैं। वही सूबें के मुख्यमंत्री योगी ने 15 नवम्बर तक प्रदेश की सभी सड़को को गड्डा मुक्त करने का आदेश दिया है। लेकिन प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद में ग्रामीण क्षेंत्रो की सैकड़ो सडके अभी भी क्षतिग्रस्त है। गौरतलब हो कि मंझनपुर से सिराथू मार्ग बेहद जर्जर है। गनपा के रुपेश त्रिपाठी का कहना है कि यह रोड काफी दिनों से क्षतिग्रस्त है। आऐं दिन लोग चोटिल हो रहे हैं लेकिन संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कमासिन के पप्पू केशरवानी का कहना है कि जर्जर सड़क पर चलना दूभर है। सिराथू के अमित केशरवानी का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी सड़क मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों को आवागमन में सहूलियत नहीं मिल रही है। शमसाबाद के कल्लू केशरवानी का कहना है कि इन क्षतिग्रस्त मार्गो को कोई भी संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। सिराथू के विपिन यादव का कहना है कि जिले की अधिकांश सड़कें टूट चुकी हैं। इनकी मरम्मत की जरुरत है।

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