नई दिल्ली। दिल्ली सरकार 2025 तक यमुना की सफाई के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोंडली स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और ह्यगाद उपचार संयंत्रह्ण का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को 45 एमडीजी क्षमता वाले एसटीपी को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड कर सीवेज के पानी को बेहतर तरीके से शोधित करने के निर्देश दिए। उन्होंने तय समय में इस काम को पूरा करने का निर्देश दिया है। साथ ही देरी होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में विभिन्न वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने व यमुना की सफाई को लेकर चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। सरकार ने यमुना नदी को 2025 साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है। यमुना तक साफ पानी पहुंचे इसी कड़ी में कोंडली में 45 एमडीजी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड किया जाएगा।
अधिकारियों को फटकार :
उपमुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान लापरवाही को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही एक सप्ताह में प्लान आॅफ एक्शन देने का निर्देश दिया है। साथ ही कंपनी पर जुमार्ना लगाने का भी निर्देश दिया है। कोंडली में मौजूदा 45 एमडीजी क्षमता वाले एसटीपी में बीओडी/टीएसएस को 20/30 मिलीग्राम प्रति लीटर के हिसाब से सीवर के पानी को उपचारित करने के लिए डिजाइन किया गया था।
रोजाना 200 टन गाद किया जा रहा उपचारित :
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस संयंत्र की रोजाना 200 टन गाद (कीचड़) उपचार करने की क्षमता है। गाद उपचार संयंत्र गर्म हवा के आॅक्सीडाइजेशन की तकनीक पर आधारित है, जिसमें गर्म हवा का उपयोग करके गाद को सुखाया जाता है और बायोचार में परिवर्तित किया जाता है।
वादों के बाद भी नदी की सफाई नहीं : बिधूड़ी
यमुना की सफाई को लेकर दिल्ली सरकार के दावे पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि वादों के बाद भी दिल्ली सरकार यमुना को साफ नहीं कर पाई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2013, 2015 और 2020 चुनाव में दावा किया था कि यमुना को साफ कर उसमें डुबकी लगवाऊंगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रतिदिन 768 मीलियन गैलन सीवेज उत्पन्न होता है लेकिन उनमें से सिर्फ 34 मीलियन गैलन सीवेज का ही ट्रीटमेंट किया जाता है बाकी पिछले आठ साल बीतने के बाद भी सीधे यमुना में गिरते हैं।