राकेश केसरी
कौशाम्बी। यातायात नियमो की अनदेखी से जिले की सड़को पर मौंत नाच रही है। मार्ग हादसे मे हत व घायल व्यक्तियो के सुर्ख खून के छींटो से जिले की सड़के रक्त रंजित हो रही हैं, मासूम जिंदगी एड़ी रगड़.रगड़ कर दम तोड़ रही हैं। पर फिक्र किसे है। यातायात नियमो का पालन कराने के लिए न तो विभागीय अधिकारी संजीदा है और न ही इंसान को अपने जिंदगी की परवाह है। वाहन चलाते समय लोग सावधानी हटी,दुर्घटना घटी का मूल मंत्र भूल जाते हैं। नतीजतन वे मार्ग हादसे का शिकार हो जाते हैं। यातायात विभाग का जोर इस बात पर है कि लोग वाहन चलाते समय मोबाइल से बात न करें,नशे में धुत होकर वाहन न चलाये, निर्धारित सीमा से अधिक गति न बढ़ाये व वाहन को ओवरटेक करते समय सावधानी रखे लेकिन चालक वाहन चलाते समय विभागीय चेतावनी को भुला बैठते हैं। युवाओ की स्टाइलिस ड्राइविंग को देखकर पटरी पर खड़े लोगो के दिल धड़कने लगते हैं। यहां यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि युवा वर्ग दिखावा सांस्कृति का पोषक बना हुआ है,इसी दिखावे के चलते वह अपनी व दूसरो की जिंदगी को खतरे मे डाल रहे हैं। यदि बीती कुछ घटनाओ का जिक्र करें तो रामपुर धमावां के पास बाइक पलटने से दो लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये थे। उदिहिन बुजुर्ग चैराहे पर दो बाइक की आमने सामने भिड़न्त हो गयी थी जिसमें चार लोग घायल हो गये थे। टेंगाई गांव के पास खोरांव का बाइक सवार एक तांगे से भिड़ गया था इसमे उसकी मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी। इन दुर्घटनाओ से साफ जाहिर है कि मार्ग हादसो मे कहीं न कहीं यातायात नियमो की अनदेखी की गयी है।

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