राकेश केसरी
कौशाम्बी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भला कैसे जनपद के झोलाछाप डाक्टरों पर लगाम लगा सकते हैं। जब खुद जिला अस्पताल के डाक्टर ही निजी क्लीनिक चला रहे हैं। दरअसल एक सप्ताह पहले जिला अस्पताल के सीएमएस को शिकायती पत्र मिला था कि जिला अस्पताल के कई डाक्टर अपना निजी क्लीनिक चलाकर निजी चिकित्सा व्यवसाय कर रहे हैं। इस मामले की जांच की गई तो मामला सच पाया गया। आरोपी डाक्टर निजी प्रैक्टिस करते हुए पाए गए। इस मामले में सीएमएस डा0 दीपक सेठ ने आरोपी डाक्टर के विरूद्ध कोई कार्रवाही नही की हैं। जबकि प्रावधान है कि यदि कोई सरकारी चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।