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ग्राम रक्षक बने भक्षक,अपराधों पर नही लग रहा अंकुश

Sunday, November 6, 2022

/ by Today Warta

 


राकेश केसरी

अंग्रेजों के जमाने का प्रभावी है सर्कुलर

कौशाम्बी। गुलामी की जंजीरों से देश आजाद हो गया। लेकिन अंग्रेजो का बनाया सर्कुलर आज भी प्रभावी है। गांवों की छोटी,बडी समस्या या गंम्भीर अपराधों की जानकारी देने के लिए गांव.गांव चैकीदारों को तैनात किया गया। जिनको पगार के साथ.साथ वैकल्पिक संसाधनो से लैस किया गया। लेकिन गांव मे तैनात ग्राम रक्षक.भक्षक बन कर शासन की मंशा को पलीता लगा रहे है। अंग्रेजो की गुलामी से देश को आजाद हुए 76 वर्ष बीत गए। लेकिन देश.प्रदेश मे आज भी उनका बनाया सर्कुलर प्रभावी है। अंग्रेजो द्वारा गांव की गति.विधियों पर जानकारी रखने के लिए गांव.गांव चैकीदार तैनात करके सूचनाओं का आदान.प्रदान करना था। सूचना देने के एवज मे तीन पैसे प्रति माह पगार के रुप मे मिलते थे। जो आज तक गावों मे तैनात चैकीदारी की जिम्मेदारी एक वर्ग विशेष को दी गई। अंग्रेजो का जमाना गुजरता गया,और चैकीदारों को सरकार सूचना तंत्र का प्रहरी मान कर उन्हे बैकल्पिक संसाधनो से लैस करते गए। जिसमे गांव मे तैनात एक चैकीदार को लाठी,गमछा,जूता,टार्च,लाल पगडी,दी गई। लेकिन चैकीदार सरकार के मनसूबों मे खरे नही उतरे। उधर जमाना अग्रसर हुआ,तो प्रदेश मे आने वाली सरकारें पगार बढाने के साथ,साथ उनको ऊजार्वान बनाने का प्रयास किया। लेकिन थाना क्षेत्रों के अंर्तगत तैनात चैकीदारो का थानों पर शोषण होने लगा। जिससे चैकीदार अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने लगे। वर्ष 2012 में प्रदेश की बसपा सरकार का पतन हुआ और सपा कि पूर्ण बहुमत से सरकार बनी। युवा मुख्यमंत्री ने चैकीदारों के सूचना तंत्र को बढावा देने के लिए,चैकीदारों का नाम बदल कर उन्हे ग्राम रक्षक के पद से नवाजा और बैकल्पिक संसाधनो मे भी इजाफा कर दिया। जिसमे प्रत्येक ग्राम रक्षक को पांच सौ रुपए के स्थान पर एक हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया। थाने मे सूचनाओं के आदान,प्रदान के लिए मोबाईल के साथ.साथ नई साईकिल,कुर्ता,धोती, टार्च,लाठी,जूता एव लाल पगडी थमा दिया। सभी ग्राम रक्षकों को माह मे केवल दो दिन थाने की चैकीदारी करना है। जबकि भाजपा सरकार एक हजार के स्थान पर अब 3500 रुपए दे रही है। लेकिन इतने संसाधनों के बाद भी ग्राम रक्षक भक्षक बनकर गांव के बिवादों को पी जाते है। एक भी मामले की सूचना थाने तक नही पहुचाते है। थाने मे सूचना पीडित के पहुचाने के बाद जब पुलिस गांव पहुच जाती है, तब अपने पहनावा कि बिना फिक्र किए जैसे.तैसे घटना स्थल पर पहुचते है। वही पर अंग्रेजो का बनाया सर्कुलर आज भी चल रहा है। जिसमे गांवों पर तैनात ग्राम रक्षक एक वर्ग बिशेष के तैनात है। जिससे इनके सक्रिय न होने से गांवों मे होने वाली घटनाओं पर विराम नही लग रहा है। वही पर इनकी नौकरी पर शारीरिक क्षमता के साथ.साथ उम्र का भी कोई उल्लेख नही है। जिससे मृत्यु की शैय्या तक डियूटी निभाते रहते है या फिर ग्राम रक्षक की मृत्यु के बाद उनका कोई करीबी ही ग्राम रक्षक का पद संभालेगा। यदि सरकार अंग्रेजो के जमाने के सर्कुलर पर विराम लगाकर गांव की जिम्मेदारी किसी नौजवान को दे तो सरकार की कानून व्यवस्था सुधर सकती है। जैसे अंग्रेजो के जमाने के लम्बरदार और लम्बरदारी प्रथा का अंत करके जमींदारी विनाश प्रथा लागू किया। जिससे गांव के किसान,मजदूरों को भर पेट भोजन व शिक्षा मिल रही है। जनपद वासियों ने पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार से ग्राम रक्षको को सक्रिय किये जाने की मांग किया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में अपराधों में कमी आ सके। 

शराब के अवैंध कारोबारियों की नही देतें सूचना

प्रदेश के गांवों गांवों मे तैनात ग्राम रक्षक यदि सक्रिय हो जाए तो प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी पर आ जाए। लेकिन गांवों मे तैनात ग्राम रक्षक शाम ढलते ही बोतल की मस्ती मे केवल झूम बराबर झूम शराबी की तर्ज पर गांवो मे पीकर मस्त हो जाते है। इस लिए फिल्म शराबी की ये पंक्तियां इन पर फिट बैठती है,गांव मे कही भी घटना दुर्घटना हो उन्हे कोई खबर ही नही है। हो भी क्यो न,इस लिए की गांव मे महुए की बयार आई पांच,दस कुन्तल बिन कर रख लिया। जब जरुरत हुई एक पतीला चढाकर नशे का सूर्रा लगाने लगे। यह कोई लेखक का जुमला नही है। बल्कि पुलिस रिकार्ड मे शराब बनाते गांवो से पकडे गए शराब व्यवसाइयों का है। पुलिस रिकार्ड मे आकडों पर गौर करें तो वर्ष 2021-22 मे जिले के थाना क्षेत्रों पर यदा,कदा चलाए गए अभिायन मे पांच हजार लीटर देशी महुए की शराब एक हजार से अधिक लोगो से बरामद करके शराब बनाने के उपकरण के साथ जेल भेजा गया है। जिसमे नब्बे फीसदी संख्या केवल पासी बिरादरी की आंकी गई है। सबसे चैंकाने वाली बात यह है कि गांवो मे तैनात ग्राम रक्षक के ही करीबी महुए की शराब के व्यवसाई हंै। फिर उसको थाने के पुलिस की एक.एक गति विधि मालूम रहती है। इसलिए बहुत कम पकड़ मे आते है।

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