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रहनुमाओं की उदासीनता से वर्तन उद्योग हुआ चैपट

Wednesday, November 16, 2022

/ by Today Warta

 


राकेश केसरी

कौशाम्बी। पीतल उद्योग नगरी शमसाबाद उपेक्षा का शिकार है। यहां का बर्तन पहले कई प्रदेशों में बिक्री के लिए जाता था लेकिन धीरे.धीरे यह उद्योग खत्म होता जा रहा है। इसके पीछे प्रशासनिक अधिकारियों और रहनुमाओं का ध्यान न देना है। जिले में पहले लघु उद्योग का जाल फैला हुआ था। गुरौली का कड़ाही उद्योग व शमसाबाद का पीतल उद्योग अपने चरम पर था। यहां बनने वाले बर्तन मध्य प्रदेश,बिहार,राजस्थान आदि शहरों में बेचे जाते थे। इसे देखते हुए पूर्व श्रम मंत्री स्व० धर्मवीर ने पीतल नगरी में व्यापारियों के लिए शेड बनवाए। आर्थिक तौर से भी उन्हे मजबूत किया गया। बर्तन के व्यापार से रोजगारियों को लाखों का फायदा भी हुआ लेकिन रहनुमाओं व प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते व्यापारी आर्थिक तंगी का शिकार होते गए और अब लघु उद्योग पूरी तरह से दम तोड़ चुका है। 


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