राकेश केशरी
कौशाम्बी। सड़क पर निकलिये तो वाहनों से अधिक छुट्टा पशुओं से सावधान रहिये। ऐसा नहीं किये तो अस्पताल जाना तय समझिये। कारण दुर्घटनाओं के सबब बन रहे आवारा पशुओं को पकडने की कोई व्यवस्था जिले में कहीं नहीं है। आठ नगर पंचायत व दो नगर पालिका वाले इस जिले में कोई व्यवस्था न होने का परिणाम अब तक न जाने कितने लोग भुगत चुके है। नगर के विभिन्न सड़कों पर आवारा पशुओं के चलते अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अमूमन कुछ पशुपालक दूध निकालने के बाद उन्हे छोड़ देते हैं। सड़कों पर घूमने वाले ये पशु जूठन, हरी पत्तियों अथवा किसी अन्य वस्तुओं को देखते ही उस तरफ दौड़ पड़ते है। इस दौरान प्राया पशु आपस में लड़ जाते हैं। पशुओं के तेजी से सड़क पर आ जाने की स्थिति में दोपहिया वाहन, साइकिल चालक इनकी चपेट में आने से गिरकर घायल हो जाते है। कई बार तो बड़े हादसे होते-होते बचे है। इसके अलावा ये पशु सड़क के किनारे पड़े पालीथिन को खाकर जान भी गवां बैठते है। जिला मुख्यालय मंझनपुर सहित अन्य नगर पंचायतो से सटे किसान आवारा पशुओं से हलकान है। ये पशु आयेदिन उनकी लगायी गयी सब्जियों को चर-चोंथ लेते है। ऐसे में इतने दिनों से किसानों के किये कराये पर पानी फिरते देर नहीं लगती है। मजबूर किसानों को समझ में नहीं आता कि वे करे तो क्या करे। आठ नगर पंचायत व दो नगर पालिका वाले इस जिले मे अवारा पशुओं को पकडने व उनको रखने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। इस बात को मंझनपुर के ईओ सहित सिराथू ,भरवारी, अझुवा,चायल,करारी,सराय अकिल ने भी स्वीकार किया है।