इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
ललितपुर। श्रमायुक्त उ.प्र. के आदेशानुसार जिलाधिकारी आलोक सिंह के कुशल मार्गदर्शन तथा सहायक श्रम आयुक्त के निर्देश पर चाईल्ड लाइन, श्रम विभाग तथा एएचटीयू के द्वारा सयुंक्त रूप से 07 बाल श्रमिकों का चिन्हाकन किया गया जो विभित्र ढावों-होटलों में कार्यरत पाये गये। श्रम प्रवर्तन अधिकारी डी.पी. अग्रहरि ने बताया की शून्य से 18 वर्ष की उम्र के बालकों से बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 यभा संशोधित 2016 के अन्तर्गत किसी भी प्रकार व्यवसायिक कार्य नहीं कराया जा सकता है, अगर कोई सेवायोजक, मालिक बाल, किशोर श्रम करवाता है तो उसे 20 से 70 हजार रूपया जुर्माना एवं 06 माह से 2 वर्ष तक सजा या दोनो का प्रावधान है। उन्होंने व्यापारियों व सेवायोजकों से आवाहन किया है कि पढऩे-लिखने उम्र में बच्चों से बाल श्रम न करायें। तभी एक उत्तम राष्ट का निर्माण हो सकता है, बाल श्रम समाज के लिये अभिश्राप है। बाल श्रम रोको अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी डी.पी. अग्रहरि, राम प्रताप सिह निरंजन, कुलदीप गुप्ता, एएचटीयू प्रभारी अखिलेश कुमार, लक्ष्मन, नीरज चौबे, एवं महिला कास्टेवल पूजा चाईल्ड लाइन से रविन्द्र कुमार तथा जनसाहस से जिला समन्वयक राजेश कुमार, धीरेन्द्र, अवधेश उपस्थित रहे।